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भाजपा को सरकार बनाने के लिए बुलाना लोकतंत्र की हत्या:केजरीवाल

नयी दिल्ली: दिल्‍ली में सरकार गठन को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक और पूर्व मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल कल राष्‍ट्रपति से मिले. केजरीवाल अपने 22 विधायकों के साथ राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिलने राष्‍ट्रपति भावन गये थे. केजरीवाल और उनके विधायकों ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से गुहार लगाई कि वह उप-राज्यपाल नजीब जंग को […]

नयी दिल्ली: दिल्‍ली में सरकार गठन को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक और पूर्व मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल कल राष्‍ट्रपति से मिले. केजरीवाल अपने 22 विधायकों के साथ राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिलने राष्‍ट्रपति भावन गये थे. केजरीवाल और उनके विधायकों ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से गुहार लगाई कि वह उप-राज्यपाल नजीब जंग को दिल्ली में सरकार बनाने के लिए भाजपा को न्योता देने की इजाजत नहीं दें. पार्टी ने दिल्ली विधानसभा तुरंत भंग करने की भी मांग की.

आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने पार्टी के 22 विधायकों के साथ राष्ट्रपति से मुलाकात की और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा जिसमें पार्टी ने कहा कि भाजपा को सरकार बनाने के लिए बुलाना लोकतंत्र की हत्या होगी. केजरीवाल ने संवाददाताओं से कहा, हमने राष्ट्रपति से मुलाकात की और उनसे कहा कि हमारी पार्टी (आप) चुनाव चाहती है. हम सरकार बनाने की स्थिति में नहीं हैं और हम किसी का समर्थन नहीं करेंगे. कांग्रेस ने भी साफ कर दिया है कि वह किसी का समर्थन नहीं करेगी. ऐसी स्थिति में भाजपा किस तरह सरकार बना सकती है, जब उनके पास जरुरी संख्याबल ही नहीं है ?

भाजपा को सरकार बनाने के लिए न्योता देने की इजाजत मांगने वाले उप-राज्यपाल पर हमला बोलते हुए दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, यदि भाजपा को आमंत्रित किया जाता है तो यह लोकतंत्र की हत्या होगी. यह असंवैधानिक होगा. उन्होंने कहा, वे विधायकों को खरीद कर और खरीद-फरोख्त में शामिल होकर ही सरकार बना सकते हैं.
आप नेता ने हैरत जताई कि भाजपा को सरकार बनाने के लिए बुलाने की पहल क्यों हुई जबकि पार्टी ने तो पिछले साल दिसंबर में ही सरकार बनाने के लिए बुलाए जाने पर साफ कर दिया था कि वह सरकार नहीं बनाएगी क्योंकि उसके पास जरुरी संख्याबल नहीं है.
केजरीवाल ने कहा, हर्षवर्धन ने उस वक्त लिखित में उप-राज्यपाल को बताया था कि वे सरकार नहीं बना सकते. फिर जब मैंने फरवरी में इस्तीफा दे दिया तो भाजपा ने अपना यह रुख दोहराया कि वह सरकार नहीं बना सकती. उन्होंने अब तक वह पत्र उप-राज्यपाल से वापस भी नहीं लिया है. उसके बाद से भाजपा और उप-राज्यपाल के बीच कोई आधिकारिक संवाद नहीं हुआ है.
आप नेता ने कहा, न तो भाजपा ने लिखित में यह बताया है कि उसके पास जरुरी संख्याबल है और न ही वह सरकार बनाने का दावा पेश करने गई है. ऐसे हालात में जब भाजपा का रुख पहले की तरह ही है तो उप-राज्यपाल आखिर भाजपा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने की पहल कैसे कर रहे हैं ? केजरीवाल ने कहा कि नियमों के मुताबिक, किसी पार्टी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने से पहले उससे कहा जाना चाहिए कि वह विधायकों के समर्थन के पत्र दिखाए.

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