जम्मू-कश्मीर बाढ़ :उधमपुर में मकान ढहने से एक ही परिवार के 6 लोगों की मौत
टूटा 60 सालों का रिकार्ड जम्मू : जम्मू-कश्मीर में पिछले छह दशक में आयी अब तक की सबसे खतरनाक बाढ में आज 24 और लोगों की मौत हो गयी. उधमपुर जिले में एक मकान ढहने की सूचना मिली है जिसमें एक ही परिवार के 6 लोगों के मरने की खबर है.इसी के साथ राज्य में […]
टूटा 60 सालों का रिकार्ड
जम्मू : जम्मू-कश्मीर में पिछले छह दशक में आयी अब तक की सबसे खतरनाक बाढ में आज 24 और लोगों की मौत हो गयी. उधमपुर जिले में एक मकान ढहने की सूचना मिली है जिसमें एक ही परिवार के 6 लोगों के मरने की खबर है.इसी के साथ राज्य में मरने वालों की संख्या 175 तक पहुंच गयी.इसे देखते हुए कांग्रेस ने केन्द्र सरकार से इस घटना को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है.थलसेना ने बताया कि 11,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया.
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की और तत्काल कदम उठाने की मांग की ताकि बाढ के पानी में फंसे लोगों को तत्परता से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके.राज्य सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि उधमपुर जिले में तेज बारिश की वजह से हुए भूस्खलन के कारण मकान ढहने की दो अलग-अलग घटनाओं में सात लोगों की मौत हो गयी और राजौरी जिले से चार और शव बरामद किए गए हैं.
उधमपुर-रियासी रेंज के डीआईजी गरीब दास ने बताया कि उधमपुर जिले के रामनगर तहसील के रखा जगनू इलाके में एक मकान ढहने से पांच लोगों की मौत हो गयी, जबकि दो लापता हैं. उन्होंने कहा कि लापता लोगों की तलाश की जा रही है, जबकि पांच शवों को बरामद कर लिया गया है. दास ने बताया कि दूसरी घटना उधमपुर के रख बटला इलाके में आज की है, जहां पर एक मकान गिरने से दो बच्चों की मौत हो गयी, जबकि उनकी मां बुरी तरह जख्मी हो गयी.
राजौरी जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मुबसिर लतीफ ने कहा कि गुरुवार को राजौरी जिले में एक बारात के 63 सदस्य बाढ में बह गए थे, उनमें से चार और शव बरामद कर लिए गए हैं. उन्होंने कहा कि अब तक कुल 29 शव बरामद किए गए हैं. बुधवार से हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से आयी बाढ और भूस्खलन के कारण आज हुयी मौतों सहित कुल 100 लोगों की राज्य में मौत हो गयी है. अब 89 लोगों की मौत जम्मू में हुई है, जबकि कश्मीर घाटी में 11 लोग मरे हैं. इस बाढ में रजौरी जिले में बारात ले जा रही एक बस भी बह गयी जिसमें 50 लोग सवार थे.
* राजनाथ सिंह ने किया दौरा
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के साथ राज्य का दौरा किया. दौरे के बाद राजनाथ ने यहां संवाददाताओं को बताया, अचानक आई बाढ, भूस्खलन और घर ढहने की घटनाओं में जम्मू और कश्मीर में 107 से ज्यादा लोग मारे गए हैं. हालात गंभीर हैं. हमने बर्बादी का मंजर देखा है.
राज्य में थलसेना ने भी बडे पैमाने पर बचाव अभियान शुरु किया है और बाढ प्रभावित इलाकों में अपनी 100 टुकडियां तैनात कर 11,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया. रक्षा प्रवक्ता एस डी गोस्वामी ने आज रात बताया, कुल 11,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है जिनमें से 2,000 लोगों को जम्मू और कश्मीर में भोजन एवं अस्थायी शरण मुहैया कराई गई है.
इस बीच, भारतीय वायुसेना और थलसेना एविएशन हेलीकॉप्टरों ने आज सीमा सुरक्षा बल और थलसेना के 108 जवानों को अग्रिम सीमा चौकियों (बीओपी) से वायु मार्ग के जरिए हटाया क्योंकि बाढ की वजह से भारत-पाक सीमा पर सुरक्षा संबंधी आधारभूत संरचना को काफी नुकसान पहुंचा है.
सेवा और वायुसेना भी लगी है बचाव कार्य में
बाढ प्रभावित तवी द्वीप पर फंसे 300 से ज्यादा लोगों को बचने और उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए व्यापक अभियान शुरु करने के लिए प्रशासन पुलिस के अलावा सेना, वायुसेना और आपदा प्रबंधक बल की मदद ले रहा है. जम्मू के जिलाधिकारी अजीत सुहा ने कहा कि तवी नदी में जल स्तर खतरे के निशान से काफी उपर है, इसलिए एहतियाती उपाय करते हुए राजमार्ग को जोडने वाले पुल सहित तवी नदी पर बने पुल को यातायात के लिए बंद कर दिया गया है. जम्मू में तीन मेडिकल दलों सहित सेना के 12 राहत शिविर जम्मू के प्रशासन के साथ मिलकर परगावल, मरह, मकवाल और तवी इलाकों से विस्थापित हुए 3,000 लोगों को राहत मुहैया करा रहे हैं. इसमें महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को प्राथमिकता दी जा रही है. सेना द्वारा मुहैया कराई जा रही राहत में असहाय लोगों को निकालना, भोजन, चिकित्सा सहायता, टेंट और साफ सफाई की सुविधा शामिल है.