प्रधानमंत्री द्वारा ”पीओके” के स्थान पर ”लाइन ऑफ कंट्रोल” के प्रयोग से उठा विवाद
नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल अपनी जम्मू कश्मीर की यात्रा में बाढ पीडित इलाकों का जायजा लिया. उन्होंने भारत के उत्तरी भाग में हुए कुदरत की त्रासदी से उत्पन्न हालात से निबटने के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया. इस मामले में प्रधानमंत्री ने अपनी एक दिवसीय यात्रा में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर […]
नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल अपनी जम्मू कश्मीर की यात्रा में बाढ पीडित इलाकों का जायजा लिया. उन्होंने भारत के उत्तरी भाग में हुए कुदरत की त्रासदी से उत्पन्न हालात से निबटने के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया. इस मामले में प्रधानमंत्री ने अपनी एक दिवसीय यात्रा में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) क्षेत्र में भी बाढ पीडितों की मदद का आश्वासन दिया.
यात्रा के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की तरफ से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को लिखी गई एक चिट्ठी में भी बाढ पीडितों के लिए सहायता का आश्वासन दिया. पीएमओ द्वारा जारी इस चिट्ठी में ‘पीओके’ के स्थान पर ‘एक्रॉस द लाइन ऑफ कंट्रोल’ शब्द का प्रयोग किया गया था. जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यात्रा के दौरान ‘पीओके ‘ शब्द का प्रयोग किया था.
प्रधानमंत्री के इसी बात पर पाकिस्तान सरकार ने किसी भी तरह की सहायता लेने से साफ इनकार कर दिया है. पाकिस्तान का कहना है कि उसके द्वारा अधिकृत कश्मीर के क्षेत्र में बाढ पीडितों की सहायता के लिए खुद पाकिस्तान सक्षम है, उल्टा पाकिस्तान ने भारत के क्षेत्र में बाढ पीडितों के सहायता की बात कही है.
इसपर पीएमओ ने सफाई देते हुए कहा कि बाढ केवल पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में ही नहीं आई है बल्कि इसके अलावा आसपास के कई क्षेत्र इससे प्रभावित हैं. भारी वर्षा के कारण आई तबाही से सैकडों लोगों की जाने गई हैं. इसीलिए उन्होंने ‘पीओके’ के जगह इस शब्द का इस्तेमाल किया.
ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री ने अपने एक दिवसीय कश्मीर यात्रा में वहां के लोगों के राहत और बचाव कार्य के लिए 1000 करोड रुपये के विशेष सहायता राशि का ऐलान किया है. गौरतलब हो कि विगत चार दिनों से लगातार हुई बारिश के कारण जम्मू- कश्मीर के क्षेत्र में भारी तबाही हुई है. अबतक इस त्रासदी के कारण दो सौ से ज्यादासे ज्यादा लोगों के मारे जाने की सूचना है.