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जम्मू कश्मीर में बाढ़, राहत कार्य में तेजी

श्रीनगर : जम्मू -कश्मीर के कई इलाके अभी भी बाढ़ से पूरी तरह प्रभावित है. सेना के जवान उन्हें हर संभव मदद पहुंचाने की कोशिश कर रहे. सेना प्रमुख लगातार इसपर नजर रखे हुए है. सेना प्रमुख जनरल दलबीर सुहाग ने बाढ प्रभावित जम्मू-कश्मीर में जारी बचाव अभियानों को लेकर कहा कि जब तक मुसीबत […]

श्रीनगर : जम्मू -कश्मीर के कई इलाके अभी भी बाढ़ से पूरी तरह प्रभावित है. सेना के जवान उन्हें हर संभव मदद पहुंचाने की कोशिश कर रहे. सेना प्रमुख लगातार इसपर नजर रखे हुए है. सेना प्रमुख जनरल दलबीर सुहाग ने बाढ प्रभावित जम्मू-कश्मीर में जारी बचाव अभियानों को लेकर कहा कि जब तक मुसीबत में फंसे अंतिम व्यक्ति तक सहायता नहीं पहुंचती तब तक सैनिक बैरकों में नहीं लौटेंगे.

यहां बाढ में फंसे हजारों लोगों को निकालने के लिए आज जबर्दस्त राहत एवं बचाव अभियान चल रहा है. श्रीनगर के अधिकतर हिस्से अब भी जलमग्न हैं. संचार व्यवस्था की स्थिति भी खराब है और उंचा जल स्तर एक बड़ी चुनौती बना हुआ है.

आपदा से निपटने के अधिकारियों के प्रयासों के बीच उधमपुर जिले के पाचौरी गांव से भूस्खलन होने की खबर है. वहां फंसे कुछ लोगों को बचाने के लिए राहतकर्मी पहुंच गए हैं. श्रीनगर के जलमग्न क्षेत्रों में लोगों को बाहर निकालने के लिए 25 नौकाएं लगाई गई हैं. भीषण बाढ का सामना कर रहे राज्य में अब तक 5,100 लोगों को बाहर निकाला जा चुका है.

बाढ से अब तक करीब 150 लोगों की जान जा चुकी है और अस्पतालों सहित कई इमारतें नष्ट हो चुकी हैं तथा सडकों के तलमग्न होने और संचार व्यवस्था लडखडा जाने से बहुत से इलाकों से संपर्क टूट गया है. श्रीनगर में सैन्य छावनी, सिविल सचिवालय और उच्च न्यायालय परिसरों में भी पानी भर गया है.

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल एनडीआरएफ के मुखिया ओपी सिंह ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, हमारे सामने बडी समस्या यह है कि संचार व्यवस्था टूट गई है. बाढ प्रभावित क्षेत्रों में तैनात हमारी टीमों से हमारा संपर्क नहीं हो पा रहा है. इसके अतिरिक्त, कई इलाकों में पानी का स्तर काफी ज्यादा है जहां हमारे कर्मी फंसे लोगों तक पहुंचने में सफल नहीं हो पा रहे हैं.

एनडीआरएफ प्रमुख ने कहा कि हमने राज्य में व्यापक अभियान छेडा है. राहत एवं बचाव कार्य को सुगमता से चलाने के लिए राज्य को तीन जोन में बांटा है. प्रत्येक जोन में अभियानों का नेतृत्व कमांडेंट स्तर का एक अधिकारी करेगा और यह सब एक डीआईजी के निरीक्षण में होगा. उन्होंने कहा कि बाढ में फंसे 5,183 लोगों को अब तक बचाया जा चुका है जिनमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं.

एनडीआरएफ महानिदेशक ने कहा कि अन्य क्षेत्रों के अतिरिक्त श्रीनगर के जलमग्न इलाकों गोगलीबाग, बटमालू, बादामी बाग और बख्शी स्टेडियम में जबर्दस्त राहत एवं बचाव अभियान चल रहा है.

उन्होंने कहा कि राज्य में एनडीआरएफ की टीमें अब तक 13 से अधिक शव बरामद कर चुकी हैं. अधिकारी ने बताया कि जम्मू और कश्मीर घाटी क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्यों में लगे कर्मियों के लिए 500 से अधिक सैटेलाइट फोन भी भेजे गए हैं. बाढ से खराब होती स्थिति के मद्देनजर राज्य सरकार ने सभी स्कूलों को 12 सितंबर तक बंद रखने के आदेश दिए हैं.

सेना ने इस बीच, राहत प्रयास और तेज करते हुए आपदा निगरानी प्रकोष्ठ स्थापित किया है और अपने सभी स्टेशनों को उच्च स्तर की तैयारियों के लिए अलर्ट किया है. अभियान में सेना की 184 टुकडियां में से प्रत्येक टुकडी में 75 से 100 कर्मी शामिल हैं, जबकि वायु सेना ने 29 विमान और हेलीकॉप्टर सेवा में लगाए हैं.

सेना और वायु सेना ने विभिन्न क्षेत्रों से हालांकि हजारों लोगों को बचाया है, लेकिन श्रीनगर सहित निचले इलाकों में अब भी बहुत से लोग फंसे हैं और वे इमारतों की उपरी मंजिलों पर मदद का इंतजार कर रहे हैं.

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राज्य में आई बाढ को कल अभूतपूर्व करार दिया था और कहा था, हम हरसंभव प्रयास कर रहे हैं. कृपया डरें नहीं, हम आप तक पहुंचेंगे, मैं वायदा करता हूं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल बाढ की स्थिति की समीक्षा की थी और इसे राष्ट्रीय स्तर की आपदा करार दिया था.
मोदी ने कहा था कि संकट की इस घडी में केंद्र जम्मू कश्मीर सरकार और राज्य के लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकार काम करेगा.
उन्होंने कहा था, सरकार राज्य को बाढ राहत और पुनर्वास के लिए 1,000 करोड रुपये की विशेष परियोजना सहायता मुहैया कराएगी. स्थिति के उचित सर्वेक्षण के बाद जरुरत हुई तो और सहायता उपलब्ध कराई जाएगी. कश्मीर में संचार प्रणाली ध्वस्त हो गई है. सभी निजी मोबाइल नेटवर्क ठप हैं. लैंडलाइन टेलीफोन नेटवर्क भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है.
प्रभावित इलाकों में पिछले सात दिन से बिजली एवं जल आपूर्ति प्रभावित है. इस बीच, माता वैष्णो देवी तीर्थयात्रा चार दिन के अंतराल के बाद आज सुबह फिर से शुरु हो गई. भारी बारिश के चलते यात्रा चार दिन से स्थगित थी.
वायु सेना के एक अधिकारी ने बताया कि जम्मू सेक्टर में स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन श्रीनगर में स्थिति में अभी सुधार होना बाकी है.अधिकारी ने कहा, मेरा मानना है कि जम्मू सेक्टर में स्थिति अब नियंत्रण में है.
पिछले दो दिनों में हम हवाई मार्ग से 18 टन से अधिक राहत सामग्री पहुंचाने में सफल रहे हैं. इससे पहले हमने विभिन्न गांवों से करीब 800 लोगों को बचाया था. उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि इस ओर स्थिति ठीक है, लेकिन श्रीनगर में स्थिति थोडा खराब है. इस बीच, दिल्ली से श्रीनगर तक की उडानें अपराह्न तक निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार संचालित हुईं.

राहत कार्य में नौसना भी शामिल
जम्मू: कश्‍मीर घाटी में बाढ प्रभावित क्षेत्रों के बचाव कार्य के मद्देनजर राहत कार्यों में आज नौसेना भी शामिल हो गई है. बचाव कार्य का काम पिछले दिनों से वायु सेना और एनडीआरएफ चला रही थी. इन्होंने मिलकर श्रीनगर सोपोर राजामार्ग में फंसे 200 लोगों को बचाया था.
सेना के एक अधिकारी ने कहा कि बाढ प्रभावित राज्य में बचाव कार्य के लिए पहली बार तैनात किये गए नौसेना के मरीन कमांडो ने श्रीनगर सोपोर राजमार्ग पर हायगांवच के बाढ प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोगों को बचाया.
उन्होंने कहा, ‘बचाव कार्य अब श्रीनगर के पांठा चौक के पास जारी है.’ बचाव कार्य में हिस्सा लेने के लिए नई दिल्ली, मुम्बई और विशाखापत्तनम में नौसेना के गोताखोर तैनात है. दिल्ली में एक मेडिकल टीम को तत्काल भेजे जाने के लिए तैयार रखा गया है.
रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि हेलीकाप्टरों से चार नौकाओं और एक चिकित्सा दल को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में भेजा गया गया है.
उन्होंने कहा कि मौसम साफ होने के साथ दक्षिण कश्मीर के दूर दराज के इलाकों में बचाव कार्य एवं राहत सामग्री पहुंचाने के लिए कई हेलीकाप्टरों को लगाया गया है.प्रवक्ता ने कहा कि बाढ प्रभावित लोगों की मदद के लिए अवंतीपुर और अनंतनाग में राहत शिविर स्थापित किये गए है.जम्मू कश्मीर में आई भारी बाढ के कारण अब तक करीब 150 से ज्‍यादा लोगों की मौत हो चुकी है.

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