गृह मंत्रालय का महत्वपूर्ण प्रस्ताव, सेना में शामिल होंगे विद्रोही
नयी दिल्ली:उत्तर पूर्व में विद्रोहियों को मुख्यधारा में लाने के लिए सरकार ने एक नायाब तरीका निकाला है. सरकार मणिपुर और असम के विद्रोहियों को सेना में जगह दे सकती है. लेकिन उन्ही विद्रोहियों को इसमें शामिल किया जाएगा जो आत्मसमर्पण कर चुके है. कहा जा रहा है कि सुरक्षा मामलों की कैबिनेट गृहमंत्रालय के […]
नयी दिल्ली:उत्तर पूर्व में विद्रोहियों को मुख्यधारा में लाने के लिए सरकार ने एक नायाब तरीका निकाला है. सरकार मणिपुर और असम के विद्रोहियों को सेना में जगह दे सकती है. लेकिन उन्ही विद्रोहियों को इसमें शामिल किया जाएगा जो आत्मसमर्पण कर चुके है. कहा जा रहा है कि सुरक्षा मामलों की कैबिनेट गृहमंत्रालय के इस प्रस्ताव को मंजूर कर सकती है.
इसके तहत दो बटालियन बनाई जाएंगी और इनमें विद्रोहियों को शामिल किया जाएगा. सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) में आत्मसमर्पण कर चुके विद्रोहियों को लिया जाएगा. इसमें ऐसे विद्रोहियों को शामिल नहीं किया जिन्होंने नरसंहार जैसे अपराधों को अंजाम दिया हो. खबरों के मुताबिक गृह मंत्रालय के ने इन विद्रोहियों के भर्ती नियमों में ढील का प्रस्ताव दिया है.
सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्री राजनाथ सिंह तो इसे मंजूरी दे चुका है लेकिन कमिटि का फैसला आने में अभी कुछ हफ्ते लग सकते हैं.
मणिपुर और असम में आत्मसमर्पण कर चुके विद्रोहियों की दो बटालियन में से प्रत्येक बटालियन में 750 जवानों को लिया जाएगा. इसमें यह भी प्रावधान है कि आत्मसमर्पण के समझौते पर हस्ताक्षर करने वारों के लिए भर्ती नियमों में ढील दी जाएगी.उम्र सीमा बढाकर 35 की जाएगी, साथ ही न्यूनतम शिक्षा आठवीं तक कर दी जाएगी.शारिरिक परीक्षा पास करेंगे. लेकिन लिखित की जरूरत नहीं. शारिरिक परीक्षा में 24 मिनट की दौड़ होगी.5 किलोमीटर की दूरी को 24 मिनट में पूरा करना होगा.
प्रस्ताव ये है कि सेना में भर्ती होने के बाद इनके प्रदर्शन के आधार पर इनको नियमित बटालियनों में जगह दी जाएगी. उन्हें कम से कम 10 वीं तक की पढाई के लिए प्रेरित किया जाएगा. ताकि वो सेना के मानकों पर खरे उतर सकें.
सूत्रों के मुताबिक ऐसे सैनिकों को ना ही हथियार सौंप जाएंगे ना ही मोर्चे पर भेजा जाएगा. उन्हें अन्य काम दिए जाएंगे.