”नमामी गंगा” परियोजना की सफलता के लिए मदद करेगा इस्राइल

नयी दिल्ली: इस्राइल ने गंगा नदी की सफाई के लिए भारत को मदद करने की पेशकश की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गंगा नदी को लेकर बनायी गयी प्रिय परियोजना को सफल बनाने के लिए इस्राइल ने पानी शुद्धिकरण और गंदे पानी के टरीटमेंट में अपनी विशेषज्ञता भारत के साथ साझा करने का इच्छा जतायी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 9, 2014 3:51 PM

नयी दिल्ली: इस्राइल ने गंगा नदी की सफाई के लिए भारत को मदद करने की पेशकश की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गंगा नदी को लेकर बनायी गयी प्रिय परियोजना को सफल बनाने के लिए इस्राइल ने पानी शुद्धिकरण और गंदे पानी के टरीटमेंट में अपनी विशेषज्ञता भारत के साथ साझा करने का इच्छा जतायी है.

केंद्र ने प्रदूषण से प्रभावित गंगा को तीन साल में पुनजीर्वित करने की एक समेकित योजना नमामी गंगा तैयार की है. इस्राइल के आर्थिक एवं व्यापार मिशन के प्रमुख योनातन बेन जाकेन ने बताया, हम पहले ही केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती और संबंधित सचिवों के साथ कुछ बैठकें कर चुके हैं, हम इसमें शामिल होना चाहते हैं. हमने (परियोजना के लिए) अपने जानकारी, प्रौद्योगिकी और तकनीकी जानकारियों की पेशकश की है.

जल सुरक्षा और अनुपयुक्त पानी प्रबंधन पर एक सेमिनार के मौके पर उन्होंने कहा कि इस्राइल को अनुपयुक्त जल टरीटमेंट, शुद्धिकरण तथा कृषि एवं उद्योग के लिए पानी के दोबारा इस्तेमाल के क्षेत्र में अपनी क्षमताओं और विशेषज्ञता के लिए जाना जाता है.

योनातन ने कहा, हम बातचीत की प्रक्रिया में हैं और हमारा मानना है कि नदी (गंगा) से औद्योगिक प्रदूषण को दूर करना पहली प्राथमिकता होनी चाहिये. गंगा पुनरोद्धार को एक जनांदोलन बनाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए मोदी ने कल कहा था कि नमामी गंगा मिशन की पहली प्राथमिकता प्रदूषण के ताजा सृजन को रोकना होना चाहिये.

मोदी इस मिशन की पहली उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे. कम से कम 11 इस्राइली कंपनियों ने इस सेमिनार में भाग लिया जो भारतीय और इस्राइली कंपनियों के बीच बिजनेस टू बिजनेस (बीटूबी) मुलाकात वार्ता थी. इन कंपनियों में एक्वाइज, बायोपेट्रोक्लीन, आमियाद, अयाला एक्वा और निस्को शामिल थीं.

आयोजन के लिए जिन 25 भारतीय कंपनियों को आमंत्रित किया गया था उनमें लार्सन एंड टुब्रो, पुंज लॉयड, आईवीआरसीएल, एस्सार, इजीनियर्स इंडिया लिमिटेड (ईआईएल), भारत हेवी इलेक्ट्रक्सि लिमिटेड (भेल) और नेशनल थर्मल पॉवर कार्पोरेशन (एनटीपीसी) शामिल थीं.

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