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भारत में इबोला संक्रमण होने पर जल्द ले लेगा महामारी का रूप

नयी दिल्ली : इबोला एक खतरनाक बीमारी बन गयी है. पूरी दुनिया उसके खतरे को लेकर चिंतित है. भारत जैसे अधिक जनसंख्या वाले देश में इसका संक्रमण खतरनाक हो सकता है. अफ्रीका में अब 2300 से अधिक लोगों को मौत की नींद सुलाने वाली यह बीमारी वायरस से होती है. चिकित्सा विशेषज्ञों को इसका इलाज […]

नयी दिल्ली : इबोला एक खतरनाक बीमारी बन गयी है. पूरी दुनिया उसके खतरे को लेकर चिंतित है. भारत जैसे अधिक जनसंख्या वाले देश में इसका संक्रमण खतरनाक हो सकता है. अफ्रीका में अब 2300 से अधिक लोगों को मौत की नींद सुलाने वाली यह बीमारी वायरस से होती है. चिकित्सा विशेषज्ञों को इसका इलाज नजर नहीं आ रहा है और यह पूरी दुनिया में तेजी से फैल रहा है. इस बीमारी का कोई इलाज नहीं होने के कारण इससे पीड़ित 90 प्रतिशत लोगों की मौत हो जाती है.

इबोला वायरस का जन्म 1976 में अफ्रीका के जंगल में हुआ. कांगो की इबोला नदी के तट यह पहली बार पनपा. इसलिए नदी के नाम पर ही इसका नामकरण कर दिया गया. अफ्रीका में चमगादड़ खाये जाने के कारण खाना पकाने के दौरान, चिंपाजी, जंगली जानवरों के मांस से यह बीमारी फैलती है.

इबोला हेमरैजिक फीवर दुनिया के सबसे जानलेवा वायरसों में से एक है. यह मनुष्य की प्रतिरोधक क्षमता पर हमला करता है. अगर कोई व्यक्ति इबोला से मर चुका होता है, तो उसके शरीर का द्रव्य छूने भर से किसी को यह बीमारी किसी को अपनी चपेट में ले सकती है. मनुष्य के मरने पर यह वायरस तुरंत खत्म नहीं होता, बल्कि कुछ समय के लिए द्रव्य में जीवित रहता है. सूई से भी इस बीमारी का संक्रमण होता है.

इन माध्यमों से नहीं होता इबोला

इबोला कभी पानी के जरिए नहीं होता. यह हवा के जरिए भी नहीं फैलता है और न ही भोजन के जरिए यह बीमारी फैलती है.

आप इन उपायों से बचिए इबोला से

इस बात की आशंका है कि अफ्रीका से हवाई यात्री यह वायरस भारत में ला सकते हैं. अधिक जनसंख्या व भीड़भाड़ के कारण यह बीमारी ऐसे में यहां के लिए काफी बड़ी महामारी बन सकती है. मालूम को पश्चिमी अफ्रीका के बड़ी आबादी विशेष कर छात्र भारत में रहते हैं. अगर किसी व्यक्ति में इबोला का लक्षण है तो आप उसके पास नहीं जायें. इबोला से मरे व्यक्ति के शरीर को नहीं छुएं. अगर हाथ गंदे नजर आ रहे हैं तो साबुन और पानी से धोयें. बुखार, कमजोरी, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द व गले का दर्द, इसके बाद उलटी, गुर्दे व यकृत का सामान्य तरीके से काम नहीं करना, ब्लड प्लेटलेट्स और ल्यूकोसाइट्स का घटना, दस्त व रक्तस्त्रव इबोला के लक्षण हो सकते हैं. अगर इबोला का लक्षण लगे तो तुरंत जांच कराएं.

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