अखिलेश की अपील, ‘बुद्धि दांव’ लगाकर भाजपा को चित करे

मैनपुरी: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री व सपा नेता अखिलेश यादव ने मैनपुरी संसदीय सीट के उपचुनाव में जीत के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को बुद्धि दावं लगाने को कहा है. पूर्व में पहलवान रहे अपने पिता मुलायम सिंह यादव की तरह उन्होंने भाजपा को चित्त करने की अपील कार्यकर्ताओं से की है. उन्होंने लोकसभा चुनाव को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 10, 2014 3:43 PM

मैनपुरी: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री व सपा नेता अखिलेश यादव ने मैनपुरी संसदीय सीट के उपचुनाव में जीत के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को बुद्धि दावं लगाने को कहा है. पूर्व में पहलवान रहे अपने पिता मुलायम सिंह यादव की तरह उन्होंने भाजपा को चित्त करने की अपील कार्यकर्ताओं से की है.

उन्होंने लोकसभा चुनाव को अखाड़ा भी बताया. जनता से इस बार मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव के अखाडे में ‘बुद्धि दांव’ लगाकर भाजपा को चित करने की अपील की. अखिलेश ने भाजपा को सबस चालू पार्टी भी करार दिया. मैनपुरी में मुलायम की साख एक बार फिर दावं पर लगी है.

अखिलेश ने मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव के लिये सपा उम्मीदवार तेज प्रताप सिंह यादव के समर्थन में आयोजित जनसभा में भाजपा पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा ‘‘अच्छे दिन लाने की बातें करने वाले लोग अब लव जिहाद का जाप कर रहे हैं. लव जिहाद कहने वाले लोग चालू लोग हैं.
ये देश और समाज को बांटना चाहते हैं.’’ उन्होंने कहा ‘‘मैं पहले भी कहता था कि भाजपा से ज्यादा चालू पार्टी कोई नहीं है. हम मैनपुरी की जनता से अपील करेंगे कि इस बार उन पर बुद्धि दांव लगाकर चित कर दो. ’’ सपा नेता ने तथाकथित ‘लव जिहाद’ का मुद्दा उठाने वाले भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ की तरफ इशारा करते हुए कहा ‘‘बाबा लोग लव जिहाद की बातें कर रहे हैं.
यही बाबा एक बार माहौल खराब करने के लिये झांसी जा रहे थे लेकिन हमने उन्हें रोककर बंद कर दिया था. हम उनसे और भाजपा से बहस करना चाहते हैं कि आप प्रदेश में कौन सी सडक, कौन सा पुल या कौन सा विकास कार्य करना चाहते हैं. उन्हें समाजवादियों का अच्छा काम भी बुरा लग रहा है.’’ केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए अखिलेश ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने बडे-बडे वादे किये थे. बेरोजगारी और महंगाई खत्म करने की बात कही थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ. किसानों के भले के लिये और बिजली संकट के लिये केंद्र सरकार किस दिशा में जा रही है यह कोई नहीं जानता.

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