।। कश्मीर से अनिल एस साक्षी ।।
जम्मू-कश्मीर में 109 साल की सबसे बड़ी आपदा में फंसे श्रीनगर के 1.5 लाख लोगों को बचा लिया गया है. छह लाख लोग अब भी राहत के इंतजार में हैं. जो फरिश्ते इन्हें बचाने के लिए जान की बाजी लगा रहे हैं, बाढ़ पीडि़त बुधवार को उनकी ही जान के प्यासे हो गये. श्रीनगर में एनडीआरएफ के दो सदस्यों को पीट दिया. गंभीर रूप से घायल एक सदस्य को चंडीगढ़ भेजा गया है. वहीं, खाद्य सामग्री लेकर आये दो विमानों को लौटना पड़ा, क्योंकि लोगों ने विमान में पथराव की धमकी दी.
श्रीनगर में जलस्तर घटने से राहत कार्य तेज हुआ है. सेना, वायुसेना और एनडीआरएफ दिन-रात अपने मिशन पर जुटे हैं. लोगों को निकालने, खाद्य सामग्री और दवाएं मुहैया कराने के लिए 329 कॉलम तथा 79 हेलीकॉप्टर और विमान तैनात किये हैं. संचार व्यवस्था बहाल करने की कोशिशें जारी हैं.
बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बाद सेना प्रमुख जनरल दलबीर सुहाग ने कहा कि लाखों लोगों को बचाने में सैन्यकर्मी दिन-रात जुटे हैं. सेना आखिरी व्यक्ति तक मदद पहुंचाने की कोशिश करेगी.
* यहां फंसे है लोग
राजबाग, जवाहर नगर, गोगजी बाग और शिवपोरा. बांटी गयी : 8,200 कंबल, 650 तंबू, 1.5 लाख ली पानी, 2.6 टन बिस्कुट, 7 टन बेबी फूड, 28 हजार भोजन के पैकेट. भोजन-पानी की व्यवस्था : दिल्ली, चंडीगढ़ से पानी की बोतलें आ रही हैं. 2,000 चादर, कंबल, तंबू, वाटर बोतल, पका खाना आदि विमान से पहुंचायी.
* अनियोजित शहरीकरण के कारण आयी तबाही
सीएसइ ने कहा है कि तबाही की वजह अभूतपूर्व वर्षा, अनियोजित शहरीकरण, आपदा से निपटने की तैयारी की कमी है. जलवायु परिवर्तन के चलते खराब होते मौसम का एक संकेत हो सकती है. 100 वर्षों में श्रीनगर में भवन व सड़कों के निर्माण में तालाब आदि को खत्म कर दिया गया.
* मदद के हाथ
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* सेना की समस्या
अखनूर में पाकिस्तान सीमा से छह किमी दूर सेना के बंकरों में पानी भर गया है. सेना को अपने हथियारों, गोला-बारूद और राशन बचाने के लिए भी मशक्कत करनी पड़ रही है. करीब 1,700 किमी में लगा बाड़ बह गया है.
* भोजन-पानी बिना फंसे 1,000 सैन्यकर्मी
दक्षिण कश्मीर, श्रीनगर में 20 छोटे-बड़े शिविरों में 1000 से अधिक सैन्यकर्मी, उनके परिवार बिना भोजन, पानी के फंसे हैं. सबकी हालत खराब है.