जम्मू कश्मीर: गूगल पर 3200 से अधिक लोगों का डेटाबेस अपलोड

नयी दिल्ली: जम्मू कश्मीर में भयावह बाढ़ में फंसे संभावित 3200 लोगों का डेटाबेस गूगल ने अपलोड किया है. इंटरनेट की प्रमुख कंपनी ने राज्य में बचाव दल के तलाशी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए यह प्रयास किया है. मंगलवार से शुरु हुआ यह एप्लीकेशन पिछले साल उत्तराखंड में सफलतापूर्वक उपयोग किया गया था. यह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 11, 2014 10:24 AM

नयी दिल्ली: जम्मू कश्मीर में भयावह बाढ़ में फंसे संभावित 3200 लोगों का डेटाबेस गूगल ने अपलोड किया है. इंटरनेट की प्रमुख कंपनी ने राज्य में बचाव दल के तलाशी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए यह प्रयास किया है. मंगलवार से शुरु हुआ यह एप्लीकेशन पिछले साल उत्तराखंड में सफलतापूर्वक उपयोग किया गया था.

यह डेटाबेस को बचाव कार्य में लगी टीमों द्वारा दिल्ली और जम्मू एवं श्रीनगर में बने नियंत्रण कक्ष को दी जा रही जानकारी का इस्तेमाल करके तैयार किया गया है. इस गूगल एप्लीकेशन का नाम पर्सन फाइंडर है. एक खास एप्प है जिससे लोगों को किसी आपदा से प्रभावित हुए अपने परिजनों या दोस्तों के लिए पोस्ट करने और उनकी स्थिति का पता लगाने में मदद मिलती है.

डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डाट गूगलइंडिया डाट ब्लागस्पाट डाट के जरिये इस लिंक तक पहुंचा जा सकता है या व्यक्ति के नाम को 9773300000 पर एसएमएस भेजकर भी पता किया जा सकता है. गूगल इंडिया की पब्लिक पालिसी एनालिस्ट फातिमा आलम ने प्रेट्र को बताया, जम्मू कश्मीर में राहत कार्य में लगे स्वयंसेवी और गैरसरकारी संगठन अधिक से अधिक जानकरी अपलोड करें, जिससे हम अधिक से अधिक लोगों की मदद कर सकें.
गुगल ने अपने हालिया पोस्ट में बताया कि यदि आप किसी के बाढ प्रभावित क्षेत्र में होने को लेकर चिंतित हैं तो आई एम लुकिंग समवन पर क्लिक करें और उसका नाम डालें. यदि आपको किसी के सुरक्षित होने के बारे में जानकारी मिले तो आई हेव इंफार्मेशन एबाउट समवन पर क्लिक करें और उसका नाम और विवरण डालें.
गूगल ने अपने पोस्ट में कहा कि नाम की संख्या और रिकार्ड में लगातार वृद्धि हो रही है. यह एप्लीकेशन अंग्रेजी और हिन्दी दोनों भाषाओं में उपलब्ध है. एक अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के बचाव दल, वायुसेना, सेना और सहायता में लगे संगठन अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच सकेंगे, जो बीते कुछ दिनों से फंसे हुये हैं और जिन्हें तुरंत मदद की दरकार है. इस स्मार्ट एप्लीकेशन के जरिये प्रविष्ट किया गया डेटा जनता के लिए उपलब्ध है और इसे कोई भी खोज सकता है.

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