जम्मू-कश्मीर : बाढ़ की आड़ में पाकिस्तानी चैनल फैला रहे अफवाह
नयी दिल्ली : जम्मू-कश्मीर में 109 साल के सबसे बड़ी विपदा के बाद लाखों लोग तबाह हो गये हैं. धरती का स्वर्ग कहे जाने वाला कश्मीर, बाढ़ के कारण पूरी तरह से प्रभावित हो चुका है. जम्मू-कश्मीर में लाखों लोगों को सेना की मदद से बचाया जा चुका है, लेकिन अब भी कई लोगों को […]
नयी दिल्ली : जम्मू-कश्मीर में 109 साल के सबसे बड़ी विपदा के बाद लाखों लोग तबाह हो गये हैं. धरती का स्वर्ग कहे जाने वाला कश्मीर, बाढ़ के कारण पूरी तरह से प्रभावित हो चुका है. जम्मू-कश्मीर में लाखों लोगों को सेना की मदद से बचाया जा चुका है, लेकिन अब भी कई लोगों को मदद की आश है.
दूसरी ओर कश्मीर की घाटियों में सूचना का केंद्र पूरी तरह से ठप्प हो चुका है. सारे नेटवर्क खत्म हो गये हैं. दूरदर्शन और आकाशवाणी केंद्रों को भी काफी नुकसान उठाना पड़ा है. वहीं कश्मीर में बाढ़ के बाद भी पाकिस्तानी चैनल अब भी काम कर रहे हैं. पाकिस्तानी चैनलों ने इस मौके का फायदा उठाया है. सीमा पार के चैनल लोगों के बीच अफवाहें फैलाने का काम कर रही है. पाक चैनलों के द्वारा लोगों तक गलत सूचनाएं फैलाये जा रहे हैं. हालांकि भारत ने इसपर संज्ञान लेते हुए तुरंत कार्रवाई की और डीडी कश्मीर का प्रसारण दिल्ली से आरंभ किया.
* आकाशवाणी, दूरदर्शन प्रसारण बहाल करने के लिए प्रसार भारती ने विशेष दल भेजा
जम्मू कश्मीर में आई भीषण बाढ़ से आकाशवाणी का संचालन प्रभावित होने के बीच, प्रसार भारती ने नियमित प्रसारण सुनिश्चित करने के लिए राज्य में एक विशेष दल भेजा है. प्रसार भारती के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि भीषण बाढ़ ने रेडियो और टेलीविजन के प्रसारण का काम बहुत मुश्किल कर दिया है लेकिन यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयास जारी हैं कि ये सेवाएं लोगों तक पहुंचें.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, स्थिति मुश्किलों भरी है लेकिन इसके बावजूद, दूरदर्शन कश्मीर चैनल का डायरेक्ट टू होम (डीटीएच) मंच पर प्रसारण जारी है. हालांकि उन्होंने कहा कि आकाशवाणी के कार्यक्रमों का ट्रांसमिशन बाढ़ के कारण बाधित हुआ है.
अधिकारी ने कहा, प्रसार भारती, दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो के कुछ कार्यालयों में बाढ़ का पानी घुस गया है. संचार काफी मुश्किल हो गया है. हालांकि सेवाएं जारी रखने के प्रयास चल रहे हैं. उन्होंने कहा, संभवत: कई वर्षों में पहली बार, आकाशवाणी की सेवाएं बाधित हुई हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए विशेषज्ञों को श्रीनगर भेजा गया है कि एफएम प्रसारण जल्द से जल्द बहाल हो.