जम्‍मू-कश्‍मीर बाढ़ : ना-उम्मीदी के बीच उम्‍मीद की तलाश

मेहजूरनगर (श्रीनगर) : कश्मीर में बाढ़ ने लोगों के दिलों को गहरे जख्म दिए हैं और ना-उम्मीदी के बीच भी लोग अपनों तथा अन्य की तलाश में जुटे हैं. ऐसा ही एक उदाहरण श्रीनगर के उपरी हिस्से में स्थित बाढ़ प्रभावित मेहजूरनगर कॉलोनी का है जहां स्थानीय लोगों का एक समूह किसी की बड़ी लगन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 12, 2014 12:27 PM

मेहजूरनगर (श्रीनगर) : कश्मीर में बाढ़ ने लोगों के दिलों को गहरे जख्म दिए हैं और ना-उम्मीदी के बीच भी लोग अपनों तथा अन्य की तलाश में जुटे हैं. ऐसा ही एक उदाहरण श्रीनगर के उपरी हिस्से में स्थित बाढ़ प्रभावित मेहजूरनगर कॉलोनी का है जहां स्थानीय लोगों का एक समूह किसी की बड़ी लगन से तलाश कर रहा है.

वे एक सिख महिला की तलाश कर रहे हैं जिसके बारे में माना जा रहा है कि वह पांच दिन पहले बाढ़ के पानी में डूब गई. उसी समय गगन नाम का 35 वर्षीय एक सिख व्यक्ति डूबा था जिसका शव दो दिन पहले मिल चुका है. बहरहाल, महिला का अब तक पता नहीं चला है और स्थानीय लोग आश्चर्यचकित हैं कि इतने दिन गुजर जाने के बाद भी उसके बारे में अब तक कोई नामो-निशान क्यों नहीं मिला है.

महत्वपूर्ण बात यह है कि इलाके में उस महिला का नाम कोई नहीं जानता क्योंकि वह किराए पर रह रही थी. कुछ स्थानीय लोग उसके बारे में थोड़ी सूचना रखते हैं. सुखविंदर कौर अपने पति के साथ उस महिला के बारे में अन्य स्थानीय लोगों से बात कर रही थी. वह कह रही थी, महिला जम्मू कश्मीर बैंक में जम्मू में काम करने वाले प्रीतम सिंह के मकान में किराए पर रहती थी. बाढ़ के समय उसका पति पहलगाम में था. इन स्थानीय लोगों का मानना है कि महिला डूब गई है.
सुखविंदर और अन्य स्थानीय लोगों के अनुसार जब जलस्तर बढ़ रहा था तो उसकी मकान मालकिन घर छोड़कर चली गई और उस महिला से भी चलने को कहा, लेकिन उसने इलाके में ही रहने का फैसला किया और वह पडोसी गगन के घर चली गई.
सुखविंदर यह भी जानती है कि मृत महिला के दो बेटे हैं जो जम्मू कश्मीर से बाहर पढ़ते हैं, लेकिन किस जगह पढ़ते हैं, इस बारे में कोई ठीक…ठीक नहीं जानता. कुछ का कहना है कि वे दिल्ली में पढ़ते हैं तो कुछ का कहना है कि वे चंडीगढ़ में पढ़ते हैं.ये लोग इस बात पर एक मत रखते हैं कि राहत एवं बचाव अभियान के संदर्भ में राज्य प्रशासन ने पर्याप्त काम नहीं किया. उनका मानना है कि यदि प्रशासन ने समय पर कार्रवाई की होती तो महिला और गगन को बचाया जा सकता था.
जब वे इस मुद्दे पर बात कर रहे थे तो तभी एक व्यक्ति यह मुनादी करते हुए आया कि क्या यहां कोई रईस अहमद भट को जानता है ? यह पूछे जाने पर कि वह भट के बारे में क्यों पूछ रहा है, उसने कहा, नूरबाग इलाके में उसका शव मिला है और उसके पास से मिले कागजात में उसका पता मेहजूरनगर लिखा है. मृतक की उम्र करीब 35 साल है. इस पर लोग एक…दूसरे की तरफ देखने लगे. शायद इनमें से कोई भी भट के बारे में नहीं जानता था. मुनादी करने वाला मुनादी करते हुए आगे बढ़ गया.

Next Article

Exit mobile version