मोदी का नया नारा, टीम इंडिया बनकर करेंगे काम

अहमदाबादः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने गृहराज्य गुजरात के दौरे पर है. मोदी ने अहमदाबाद के त्रिमंदिर से कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. यहां उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, हम कहीं भी हो हमारा मन एक है. मोदी ने उपचुनाव की चर्चा करते हुए कहा कि भाजपा गुजरात की जनता की आभारी है लेकिन इस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 16, 2014 7:02 PM

अहमदाबादः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने गृहराज्य गुजरात के दौरे पर है. मोदी ने अहमदाबाद के त्रिमंदिर से कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. यहां उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, हम कहीं भी हो हमारा मन एक है. मोदी ने उपचुनाव की चर्चा करते हुए कहा कि भाजपा गुजरात की जनता की आभारी है लेकिन इस बार थोड़ी कमी रह गया है. उन्होंने कहा कि हम टीम इंडिया की तरह मिलकर काम करेंगे. हम हमेशा से सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय के उद्देश्य के साथ काम कर रहे हैं. केंद्र और राज्य को मिलकर काम करने की आवश्यकता है.

अपनी सरकार के 100 दिनों के कामकाज की आलोचनात्मक समीक्षा और उपचुनाव में विपरीत परिणाम आने के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज अपने आलोचकों को आडे हाथ लेते हुए कहा कि उनका काम और उनके कामकाज के तरीकों को समझने में उन्हें :आलोचकों को: समय लगेगा.
मोदी ने यहां भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा आयोजित उनके सम्मान समारोह में कहा, ‘‘कुछ चीजें विगत में नहीं देखी गयी. कुछ लोगों के लिए यह नई और अनूठी चीज होगी. उन्हें नई चीज को समझने में थोडा समय लेगा. वे इसे पिछले 12 साल में गुजरात में नहीं समझ पाये.’’उन्होंने कहा, ‘‘अभी तक वे इसे समझ नहीं पाये हैं. लेकिन मैंने यह मंत्र अपनाया है.सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय. और मैं आश्वस्त हूं कि यह काम करेगा.’’
उनकी सरकार में दूर की सोच :विजन: का अभाव होने को लेकर हो रही आलोचना पर मोदी ने कहा, ‘‘कई बार विजन को लेकर बहस होती है.बडा विजन-भव्य विजन-आदि. यह जो भी हो..मै तो बहुत छोटा आदमी हूं. और मैं इस देश के छोटे लोगों के लिए जीता हूं.’’ मोदी ने कहा, ‘‘मैं छोटा सोचता हूं और छोटी चीजें सोचकर, मैं इन छोटे लोगों में से आदमी को बडा बना देता हूं. आज जब ये सभी छोटे लोग बडे बन जायेंगे तो भारत सीमाओं से परे जाकर विकसित हो जायेगा.’
मोदी ने कहा, ‘‘हमने जन धन योजना शुरु की है. इस देश के व्यापारियों को रिण लेने के लिए बैंक प्रबंधकों के आगे विनम्रता से खडा होना पडता है. लेकिन अब बैंक प्रबंधक को गरीब लोगों के मकान तक जाना पड रहा है और उनके लिए खाते खोलने पड रहे हैं. इसे विजन कहते हैं. बैंकिंग प्रणाली पहले से ही मौजूद थी लेकिन किसी ने इसका इस तरह से इस्तेमाल करने के बारे में नहीं सोचा कि गरीबों को साहूकारों से बचाया जा सके.’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने इस बारे में सोचा. बदलाव के लिए आपको स्वयं भी बदलना होता है.’’प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘प्राकृतिक आपदाएं आती हैं और उन्हें कोई नहीं रोक सकता. लेकिन आपको इस प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं के दौरान स्वयं को झोंकने की प्रतिबद्धता दिखानी होती है.
पीडितों के लिए आपको अपने को झोंकना होगा. मैंने पूर्ववर्ती प्रधानमंत्री के पूरे कार्यकाल की तुलना में इस छोटी सी अवधि में कश्मीर के ज्यादा बार दौरे किये हैं.’’ पडोसी देशों के साथ संबंधों को मधुर बनाने के लिए अपनी सरकार की पहल के बारे में चर्चा करते हुए मोदी ने 17 साल तक नेपाल का दौरा नहीं करने के लिए पूर्ववर्ती प्रधानमंत्रियों की आलोचना की.
मोदी ने कहा, ‘‘वायुमार्ग से नेपाल जाने में सवा घंटे से ज्यादा नहीं लगते हैं. लेकिन हमारे पूर्ववर्ती प्रधानमंत्रियों ने 17 साल तक नेपाल का दौरा नहीं किया. वे 17 साल में जो नहीं कर पाये मैंने सवा घंटे में कर दिया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘वे नेपाल नहीं देख पाये लेकिन मैंने देख लिया.’’मैं बहुत छोटा आदमी हूं. बहुत हीछोटा आदमी हूं. और छोटे लोगों के लिए जीता हूं.
लेकिन जिस दिन ये छोटे लोग बड़े हो जायेंगे देश कहां से कहां पहुंच जायेगा. हम इसी दिशा में काम कर रहे हैं. इसी दिशा में प्रधानमंत्री जन धन योजना चलायी जा रही है. उन्होंने कहा कि पहले महाजन सुद पर पैसे खाता था, योजनाओं का लाभ सही ढंग से लोगों तक नहीं पहुंचता था. लेकिन पहले ये बातें किसी को नहीं दिखी. इस सभी योजनाओं को समझने के लिए खुद में बदलाव लाना होगा. दुखी और पीड़ित लोगों के विषय में सोचा जाना चाहिए.
मोदी ने यहां विदेश नीति की भी चर्चा की. उन्होंने नेपाल दौरे की चर्चा करते हुए कहा कि नेपाल हमारा पड़ोसी देश है वहां जाने में देश की सरकार को 17 साल लग गये. अब आप बताइये कि ये कौन सा विजन है. मैं पूरे आत्मविश्वास के साथ कहता हूं, दिल्ली में बैठी सरकार सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय के मंत्र पर काम कर रह रही है. जब हमने चुनाव में जीत हासिल की थी, तो मैंने कहा था कि यह जीत सिर्फ मेरी नहीं है आप सभी की है. गुजरात सिर्फ मोदी के भरोसे नहीं चलता और ना ही आनंदी बेन के भरोसे चलता है. गुजरात से मुझे ढेर सारा प्यार मिला है और आज नयी उर्जा महसूस कर रहा हूं.

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