नयी दिल्ली : महाराष्ट्र में साईं बाबा के मंदिर सहित अनेक मंदिरों की व्यवस्था देखने वाले साई धाम चेरिटेबल ट्रस्ट ने आज उच्चतम न्यायालय में जनहित याचिका दायर की है. ट्रस्ट ने साईं बाबा के खिलाफ अपमानजनक बयान देने से लोगों को रोकने का निर्देश केंद्र को देने का अनुरोध किया गया है.
न्यायमूर्ति ए आर दवे और न्यायमूर्ति उदय यू ललित की खंडपीठ के समक्ष इस मामले का आज उल्लेख किया गया. लेकिन न्यायमूर्ति दवे ने इस मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया. याचिका में कहा गया है कि शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती और उनके अनुयायियों को साईं बाबा के खिलाफ कोई भी बयान देने से रोकने का आदेश सरकार को दिया जाये. याचिका में यह भी अनुरोध किया गया है कि उन्हें और उनके अनुयायियों को देश में किसी भी मंदिर से साईं बाबा की प्रतिमा हटाने की अनुमति नहीं दी जाये.
याचिका में कहा गया है कि शंकराचार्य द्वारा अपमानजनक भाषा का प्रयोग किये जाने के बावजूद केंद्र या राज्य सरकार ने श्री साईं बाबा के लाखों भक्तों की भावनाओं का सम्मान करने और प्रतिमा का संरक्षण करने के लिये कोई भी कठोर कार्रवाई नहीं की है.