इंच से मील की तरफ चीन के साथ रिश्ते ले जा रहे हैं मोदी

नयी दिल्ली : चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के ऐतिहासिक भारत दौरे का भारत भरपूर उपयोग करना चाहता है. अहमदबाद में आज दोनों देशों के प्रांत स्तरीय तीन समझौता होने के बाद कल दिल्ली में 13 समझौते होंगे. इसमें एक अहम समझौता एयरलाइंस सेक्टर में इंडिगो के साथ होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी राष्ट्रपति के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 17, 2014 6:52 PM
नयी दिल्ली : चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के ऐतिहासिक भारत दौरे का भारत भरपूर उपयोग करना चाहता है. अहमदबाद में आज दोनों देशों के प्रांत स्तरीय तीन समझौता होने के बाद कल दिल्ली में 13 समझौते होंगे. इसमें एक अहम समझौता एयरलाइंस सेक्टर में इंडिगो के साथ होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी राष्ट्रपति के दौरे से पूर्व मंगलवार को ही दिल्ली में चीनी मीडिया से बात करते हुए दोनों देशों के सांस्कृतिक व ऐतिहासिक रिश्तों को याद दिलाया था. मोदी ने कहा था कि 600 ईस्वी में भारत आये संत जुआन जंग गुजरात भी आये थे और वे जिस गांव में ठहरे थे, उसी गांव से वे स्वयं आते हैं. उन्होंने चीनी पत्रकारों से महात्मा बुद्ध का भी उल्लेख किया.
मोदी ने अपने पत्रकारीय संबोधन को दोनों देशों के पास दुनिया की 35 प्रतिशत आबादी होने और गरीबी उन्मूलन के उपाय को फोकस किया. उन्होंने सकल घरेलू उत्पाद में दोनों देशों के महत्वपूर्ण योगदान का भी उल्लेख किया था.
उन्होंने दोनों देशों के बीच चीनी सिल्क रूट के महत्व का भी उल्लेख किया था. उन्होंने दोनों देशों की वृद्धि को सुदृढ़ बनाने का अवसर प्रदान करने की बात भी कही थी. उन्होंने कहा था कि हमारे संबंधों, शांति, स्थिरता के वातावरण को बनाये रखने के लिए द्विपक्षीय सहयोग, अंतरराष्ट्रीय साङोदारी व अवसरों का अधिकार एक दूसरे को मुहैया करायें. उन्होंने स्पष्ट किया था कि उनकी सरकार की उच्च प्राथमिकता चीन के साथ बेहतर रिश्ता भी है. उन्होंने कहा था कि हम एक करीबी विकासात्मक साङोदारी की तलाश कर रहे हैं. उनके अनुसार, हार्डवेयर में चीन की ताकत और भारत में विनिर्माण क्षेत्र के बुनियादी ढांचे के निर्माण और विकास को फायदा हो सकता है.
मोदी ने चीनी मीडिया को स्पष्ट किया था कि देश की राजधानी के अतिरिक्त दूसरे प्रमुख शहरों में विदेशी नेताओं को आमंत्रित करने का उनका उद्देश्य है कि विदेशी नेताओं को नयी दिल्ली के अतिरिक्त देश के दूसरे प्रमुख जगहों को देखने का मौका मिले. इसका उद्देश्य उन्हेंभारत की विविधता दिखना है. उन्होंने स्पष्ट किया था कि भारत व चीन जैसे विशाल देश के संबंध राजधानी, प्रमुख महनगरों के संकीर्ण दायरे में नहीं रखे जाने चाहिए. उन्होंने कहा था कि वे चीन के राष्ट्रपति के साथ अपनी बैठक को एक नयी शब्दावली देना चाहेंगे, जिसे इंच से मील की बढ़ना कहेंगे. उनके अनुसार, इंच का मतलब इंडिया-चाइना है, जबकि मील की तरफ बढ़ने का अर्थ है : असाधारण तालमेल के साथ सहस्त्रब्दी की ओर जाना.

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