नयी दिल्ली : अपनी चार दिवसीय वियतनामा यात्रा के बाद आज राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी स्वदेश लौट गये हैं. उन्होंने वियतनाम यात्रा को अत्यंत सफल करार दिया. इस दौरान द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए समझौते किये गये. यात्रा के दौरान दोनों देशों ने दक्षिण चीन सागर और आसपास के समुद्री क्षेत्रों के विवादास्पद जलक्षेत्र में स्वतंत्र नौवहन के लिए एक संयुक्त भारतीय-वियतनामी करार की भी घोषणा की.
मुखर्जी ने अपनी यात्रा को अत्यंत सफल करार दिया. उन्होंने यात्रा पर रवाना होते समय दिये गये बयान में कहा कि इस दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र ने प्रगति की है और अर्थव्यवस्था समेत सभी क्षेत्रों में कदम बढ़ा रहा है.
उन्होंने कहा, मैं इस बात से संतुष्ट हूं कि मेरी यात्रा हमारी करीबी मित्रता और रणनीतिक साझेदारी को नयी गति प्रदान करेगी. यह साझेदारी सभ्यताओं के संपर्क, आधुनिक एकजुटता और भविष्य के लिए अपार क्षमताओं पर आधारित है. राष्ट्रपति ने अपनी राजकीय यात्रा के आखिरी दिन हो ची मिन्ह सिटी के पास कू ची सुरंगों का भ्रमण किया.
मुखर्जी की यात्रा 14 सितंबर को हनोई से शुरु हुई. उन्होंने यात्रा के दौरान वियताम के राष्ट्रपति त्रुआंग तान सांग, प्रधानमंत्री गुयेन तान दुंग, कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव गुयेन फू त्रांग समेत वियतनाम के शीर्ष नेताओं के साथ मुलाकात की.
प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत के बाद दोनों पक्षों ने महत्वपूर्ण समझौतों पर दस्तखत किये जिनमें रक्षा खरीद, तेल खनन और हवाई संपर्क जैसे महत्वपूर्ण और रणनीतिक क्षेत्र शामिल हैं. मुखर्जी ने भारत-वियतनाम संबंधों को असीम करार देते हुए दमनकारी ताकतों को नेस्तानाबूद करने तथा बडे संघर्ष के बाद आजादी पाने में वियतनामी जनता के साहस की सराहना की.