भारत- चीन असैन्य परमाणु सहयोग पर बातचीत के लिए सहमत
नयी दिल्ली: भारत व चीन ने असैन्य परमाणु उर्जा क्षेत्र में सहयोग के लिए बातचीत शुरु करने का फैसला किया है. यह दोनों देशों के राष्ट्रीय उर्जा सुरक्षा कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की यात्रा पर आए चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ शिखर स्तर की बैठक के […]
नयी दिल्ली: भारत व चीन ने असैन्य परमाणु उर्जा क्षेत्र में सहयोग के लिए बातचीत शुरु करने का फैसला किया है. यह दोनों देशों के राष्ट्रीय उर्जा सुरक्षा कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की यात्रा पर आए चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ शिखर स्तर की बैठक के बाद यह घोषणा की. इस बैठक में दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय व अंतरराष्ट्रीय महत्व के विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श किया. इनमें लंबे समय से जारी सीमा विवाद व लद्दाख में हाल की चीनी घुसपैठ के मुद्दे भी शामिल हैं.
मोदी ने शी के साथ संयुक्त प्रेस कार्यक्रम में कहा, ‘‘हम असैन्य परमाणु उर्जा सहयोग पर बातचीत शुरु करेंगे इससे उर्जा सुरक्षा के क्षेत्र में व्यापक सहयोग का रास्ता खुलेगा.’’ आज की यह घोषणा ऐसे समय हुई है जबकि करीब 15 दिन पहले भारत ने आस्ट्रेलिया से यूरेनियम खरीद का करार किया है. दुनिया के कुल यूरेनियम भंडार का एक-तिहाई आस्ट्रेलिया में है और वह सालाना 7,000 टन यूरेनियम का निर्यात करता है.
अधिकारियों ने कहा कि बडे विकासशील देश स्वच्छ उर्जा के इस्तेमाल को प्रोत्साहन के लिए प्रतिबद्ध हैं. ‘‘ऐसे में भारत व चीन का मानना है कि असैन्य परमाणु उर्जा कार्यक्रम का विस्तार दोनों देशों की राष्ट्रीय उर्जा नीति का महत्वपूर्ण हिस्सा है.’’