मुंबई : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना गठबंधन में सीट बंटवारे का मामला सुलझाता नजर नहीं आ रहा है. शुक्रवार को दोनों पार्टियों की बैठक में गठबंधन नहीं तोड़ने की बात तो की गयी लेकिन सीटों के बंटवारे पर कोई सहमती नहीं बनी. इस बीच शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सीट बंटवारे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करने की इच्छा जतायी है.जबकि भाजपा इसके लिए तैयार नहीं है. भाजपा का कहना है कि सीटों पर बंटवारे को लेकर पार्टी अध्यक्ष और महाराष्ट्र बीजेपी ही अंतिम फैसला करेंगे.
उल्लेखनीय है कि पिछले कई दिनों से भाजपा और शिवसेना के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर घमासान मचा हुआ है. शुक्रवार को आपसी बैठक के बाद ठाकरे ने पत्रकारों को बताया कि उन्होंने अपना प्रस्ताव भाजपा को भेज दिया है अब फैसला उन्हें ही लेना है. सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि शिवसेना ने भाजपा के सामने 110-160-18 का प्रस्ताव रखा है. इसमें 110 सीटें भाजपा को मिलेगी और शिवसेना खुद 160 सीटों पर चुनव लड़ेगी, जबकि अन्य छोटे सहयोगियों को 18 सीटें दी जायेंगी. लेकिन भाजपा इस प्रस्ताव को मानने के लिए तैयार नहीं है. शिवसेना की एक मांग और है कि अगर गठबंधन महाराष्ट्र में चुनाव जीतती है तो मुख्यमंत्री शिवसेना से ही होगा. भाजपा ने इसपर कोई कड़ी प्रतिक्रिया नहीं दी है, अर्थाव वह इस प्रस्ताव पर तैयार है.
सहयोगी छोटे दल मुश्किल में
भाजपा और शिवसेना के सीट बंटवारें की लड़ाई में महाराष्ट्र के सहयोगी छोटे दलों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं. सहयोगियों का कहना है कि इस प्रकार की घटनाओं से जनता में अचछा संदेश नहीं जायेगा और गठबंधन को नुकसान उठाना पड़ सकता है. इधर सहयोगी पार्टी राष्ट्रीय समास पक्ष ने 14 सीटों की मांग की है. पार्टी के प्रवक्ता ने कहा है कि उनकी पार्टी 4 और 6 सीटों पर चुनाव नहीं लड़ेगी. दूसरी ओर एक अन्य सहयोगी दल शिवसंग्राम ने कहा कि गठबंधन को छोटे दलों का भी खयाल रखना चाहिए. पार्टी प्रवक्ता विनायक मेटे ने कहा कि सीट बंटवारे पर लड़ाई चिंता का विषय है.