हमें शिवसेना का प्रस्ताव मंजूर नहीं : भाजपा
मुम्बई : सुलह की दिशा में बात बढने के एक दिन बाद आज शिवसेना और भाजपा नेताओं ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर गतिरोध दूर करने के लिए बातचीत की लेकिन वे किसी सहमति पर पहुंचने में विफल रहे. हालांकि राजग के इन दोनों पुराने सहयोगियों ने इस बात पर बल […]
मुम्बई : सुलह की दिशा में बात बढने के एक दिन बाद आज शिवसेना और भाजपा नेताओं ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर गतिरोध दूर करने के लिए बातचीत की लेकिन वे किसी सहमति पर पहुंचने में विफल रहे. हालांकि राजग के इन दोनों पुराने सहयोगियों ने इस बात पर बल दिया कि वे नहीं चाहते कि गठबंधन टूट जाए.
विधानपरिषद में विपक्ष के नेता और वरिष्ठ भाजपा नेता विनोद तावडे ने बताया कि शिवसेना ने भाजपा के लिए 125 सीटें छोडते हुए 155 पर खुद लडने एवं विधानसभा की कुल 288 में बाकी सीटें छोटे सहयोगियों को देने प्रस्ताव दिया है. उन्होंने कहा, ‘‘यह हमें स्वीकार्य नहीं है. (लेकिन) अगले 24 घंटे में इस गठबंधन मुद्दे पर स्पष्टता आ जाएगी.’’ राज्य में 15 अक्तूबर को होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन की अंतिम तारीख 27 सितंबर है.
कई दिनों की चुप्पी के बाद कल रात शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भाजपा के महाराष्ट्र चुनाव प्रभारी ओ पी माथुर से बातचीत के लिए अपने 24 वर्षीय बेटे आदित्य ठाकरे और वरिष्ठ पार्टी नेता सुभाष देसाई को भेजा था और फिर भाजपा को सीटों के बंटवारे का एक फामरूला भेजा. प्रदेश भाजपा की कोर समिति के सदस्यों ने आज दो दौर की बैठक में इस प्रस्ताव पर विचार किया. इस बैठक में माथुर और महाराष्ट्र के पार्टी मामलों के प्रभारी पार्टी महासचिव राजीव प्रताप रुडी भी थे. उधर, देसाई ने भी प्रदेश भाजपा अध्यक्ष देवेंद्र फडनवीस से बातचीत की.
इसी बीच शिवसेना ने कहा कि गठबंधन पर निर्णय कल तक हो सकता है. शिवसेना प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने कहा, ‘‘पार्टी ने गठबंधन पर अंतिम निर्णय लेने के लिए उद्धवजी को अधिकृत किया है. शिवसेना की कार्यकारिणी समिति की कल बैठक हो रही है और घोषणा हो सकती है. ’’
तावडे ने भी कहा कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह चाहते हैं कि गठबंधन जारी रहे.उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कल उद्धव ठाकरे से बातचीत की. आज फडनवीस और देसाई के बीच भेंटवार्ता हुई. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी जोर दे रहे हैं कि गठबंधन कायम रहना चाहिए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम गठबंधन को अटूट रखने के लिए जो कुछ कर सकते हैं, कर रहे हैं. यह 25 साल पुराना नाता है. हम महसूस करते हैं कि कौन सी पार्टी कितनी ज्यादा सीटें ले पाती है और कौन मुख्यमंत्री बनता है जैसे मुद्दों पर यह नहीं टूटना चाहिए. ’’