बेंगलूर : भारत के मंगलयान के 24 सितंबर को अपने गंतव्य के अंतिम पडाव में प्रवेश करने से पूर्व महत्वपूर्ण पहल के तहत आज इसके मुख्य तरल इंजन का सफल परीक्षण किया गया तथा यह मार्स आर्बिटर अपने परिपथ पर सही तरीके से आगे बढ रहा है.
मार्स आर्बिटर मिशन (मंगलयान) पर 300 दिनों तक सुसुप्ता अवस्था में रहने के बाद 440 न्यूटन लिक्विड एपोजी मोटर (एलएएम) इंजन को चार सेंकेड के लिए चालू किया गया. इससे इस यान के मंगल की कक्षा में सफल प्रवेश के बारे में विश्वास बढा है.
इसरो ने कहा, ‘‘ मार्स आर्बिटर यान के मुख्य तरल इंजन को सफलतापूर्वक प्राणोदित किया गया. यह कार्यक्रम के अनुरुप चार सेंकेड तक सटीक तरीके से चालू रहा. इसका परिपथ सही है. मार्स आर्बिटर मिशन अब मंगल की कक्षा में प्रवेश की सामान्य योजना के अनुरुप आगे बढेगा.’’
मार्स आर्बिटर के आज मंगल के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र के दायरे में प्रवेश करने पर यह सफलता मिली.इसरो ने कहा, ‘‘ हमारा नौवहन आकलन यह प्रदर्शित करता है कि एमओएम ने मंगल के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में प्रवेश कर लिया है.’’ संगठन ने कहा कि अंतरिक्ष यान मंगल के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र के प्रभाव के 5.4 लाख किलोमीटर के दायरे में है. 66.6 करोड किलोमीटर की यात्र पर निकला यह अंतरिक्ष यान पिछले 1 दिसंबर को पृथ्वी के गुरुत्व क्षेत्र के दायरे से बाहर निकला था.
24 सितंबर को अपने गंतव्य पर पहुंचने के अंतिम चरण में मंगलयान की रफ्तार को 22.1 किलोमीटर प्रति सेकेंड से कम करके 4.4 किलोमीटर प्रति सेकेंड की जायेगी ताकि वह मंगल की कक्षा में बना रह सके. उस दिन इंजन को 24 मिनट के लिए चालू करके उसका वेग कम किया जाएगा ताकि उसे मंगल की कक्षा में प्रवेश दिलाया जा सके.
इसरो ने पहले ही निर्देश अपलोड कर दिया है ताकि अंतरिक्ष यान को स्वत: कक्षा में प्रवेश कराने में मदद मिल सके. मिशन की सफलता से भारत दुनिया का पहला देश बन जायेगा जो मंगल की कक्षा में अपने पहले ही प्रयास में पहुंचा हो.जहां भारत का एमओएम अपने गंतव्य पर पहुंचने को हैं, वहीं अमेरिका के नासा के मावेन अंतरिक्ष यान ने आज मंगल का चक्कर लगाना शुरु कर दिया है.
इसरो ने कहा, मार्स आर्बिटर यान के मुख्य तरल इंजन को सफलतापूर्वक प्राणोदित किया गया. यह कार्यक्रम के अनुरुप चार सेंकड तक सटीक तरीके से चालू रहा. इसका परिपथ सही है. मार्स आर्बिटर मिशन अब मंगल की कक्षा में प्रवेश की सामान्य योजना के अनुरुप आगे बढेगा. मानवरहित यान के आज मंगल के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र के दायरे में प्रवेश करने पर यह सफलता मिली.
इसरो ने कहा, हमारा नौवहन आकलन यह प्रदर्शित करता है कि एमओएम ने मंगल के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में प्रवेश कर लिया है. संगठन ने कहा कि अंतरिक्ष यान मंगल के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र के प्रभाव के 5.4 लाख किलोमीटर के दायरे में है. 66.6 करोड़ किलोमीटर की यात्रा पर निकला यह अंतरिक्ष यान पिछले 1 दिसंबर को पृथ्वी के गुरुत्व क्षेत्र के दायरे से बाहर निकला था.