देश में जल्दी ही 15 हजार आदर्श स्कूल खुलने वाले हैं , जहां बच्चों को एक सुरक्षित और प्रोत्साहित करने वाले माहौल में पढ़ाया जायेगा और उन्हें सीखने के कई अनुभव भी दिये जायेंगे.
पीटीआई न्यूज के अनुसार इन आदर्श स्कूलों में कई तरह के अनुभव बच्चों को दिये जायेंगे और शिक्षा के लिए बुनियादी व्यवस्थाएं की जायेंगी और समुचित संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की बात कही गयी है. इसकी वजह है स्कूलों में उपस्थिति बढ़ाना तथा बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान को प्रोत्साहित करने पर जोर देना.ड्रॉपआउट को रोकने के लिए भी कई व्यवस्थाएं की जा रही है. आदर्श विद्यालयों में शिक्षा को सबके लिए उपलब्ध बनाया जा रहा है.
आदर्श स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था अधिक प्रायोगिक होगी और शिक्षा को वास्तविक जीवन की स्थितियों पर आधारित बनाया जायेगा. शिक्षा में जिज्ञासा के लिए पर्याप्त जगह होगी. बच्चों को स्मार्ट क्लास, लाइब्रेरी, कौशल प्रयोगशाला, खेल का मैदान, कंप्यूटर लैब एवं साइंस लैब की सुविधा भी दी जायेगी.
केंद्र सरकार ने देश में 15,000 स्कूलों को आदर्श स्कूल के रूप में विकसित करने के लिए वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में 1800 करोड़ रुपये का फंड दिया है. इस प्रस्ताव को वित्त मंत्रालय की मंजूरी मिल गई है और अब इस योजना को कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार है. अगर इस योजना पर काम शुरू हो गया तो सरकार 2024 तक प्रत्येक ब्लॉक स्तर पर कम से कम एक आदर्श स्कूल खोलेगी.
इस योजना के तहत खोले जाने वाले आदर्श स्कूलों में प्रारंभिक स्तर पर 1470 स्कूल तथा प्राथमिक स्तर पर 1470 विद्यालय शामिल हैं. इसके अलावा माध्यमिक स्तर पर 6030 तथा उच्च माध्यमिक स्तर पर 6030 स्कूलों को आदर्श स्कूल के रूप में विकसित किया जायेगा .
खास बात यह है कि ये सभी आदर्श स्कूल सरकारी होंगे. जिस स्कूल को आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित किया जायेगा उसका चयन राज्यों के साथ मिलकर किया जायेगा . प्रत्येक ब्लॉक में एक प्रारंभिक (एलीमेंट्री) और एक प्राथमिक (प्राइमरी) स्कूल और प्रत्येक जिले में एक माध्यमिक और एक उच्च माध्यमिक स्कूल को उत्कृष्ट स्कूलों के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है.
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