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राजनीतिक फायदे के लिए अजित सिंह कर रहे हैं पिता का इस्तेमाल

नयी दिल्ली : अजित सिंह के सरकारी बंगले को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. जब से सरकार ने अजित सिंह के सरकारी बंगले का बिजली-पानी कनेक्शन काटा, तब से यह विवाद उभरकर सामने आ गया है. अपने सरकारी बंगले को अजित सिंह स्मारक बनवाने की जिद पर अड़े […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 23, 2014 1:00 PM

नयी दिल्ली : अजित सिंह के सरकारी बंगले को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. जब से सरकार ने अजित सिंह के सरकारी बंगले का बिजली-पानी कनेक्शन काटा, तब से यह विवाद उभरकर सामने आ गया है. अपने सरकारी बंगले को अजित सिंह स्मारक बनवाने की जिद पर अड़े हैं. अपनी इसी जिद को पूरा करने के लिए

उन्होंने महापंचायत बुलायी है. हालांकि दिल्ली पुलिस ने उनकी महापंचायत को गैरकानूनी घोषित कर दिया है. महापंचायत में लोगों को शामिल होने से रोकने के लिए दिल्ली मेट्रो के कई स्टेशन को आज सुबह से बंद कर दिया गया है. जहांगीरपुरी और गुड़गांव के बीच चलने वाले मेट्रो स्टेशन को बंद कर दिया गया है.पुलिस अधिकारियों ने कहा कि जो भी इस महापंचायत में शामिल होंगे उन्हें रोका जायेगा.

बंगला खाली करने का आदेश मिलने पर क्यों रेस हुए अजित सिंह

अजित सिंह का कहना है कि कुछ ही महीनों पहले कांशी राम के नाम पर संग्रहालय का निर्माण हुआ है, उससे पहले बाबू जगजीवन राम के नाम पर भी संग्रहालय बनाया गया है, फिर मेरी मांग को नाजायज और गैरजरूरी कैसे ठहराया जा सकता है.

इसमें कोई दो राय नहीं है कि अजित सिंह की मांग में दम है और चौधरी चरण सिंह के नाम पर अगर संग्रहालय का निर्माण किया जाये, तो इस देश में किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए. लेकिन यहां गौर करने वाली बात यह है कि अजित सिंह को इतनी देर से क्यों अपने पिता की याद आयी. आज जबकि अजित सिंह सांसद भी नहीं रहे हैं, तो क्या उनकी मांग पूरी हो पायेगी?

यह सवाल इसलिए लाजिमी है कि कुछ ही महीनों पहले अजित सिंह सरकार में थे और मंत्री पद संभाल रहे थे, फिर उस वक्त क्यों उन्होंने अपनी इच्छा जाहिर नहीं की. अगर ऐसा उन्होंने किया होता, तो शायद अबतक चौधरी चरण सिंह के नाम पर संग्रहालय का निर्माण हो गया रहता.

सरकार ठुकरा चुकी है मांग
अजित सिंह की मांग को सरकार ठुकरा चुकी है. सरकार की ओर से कहा है कि अगर कोई मनमानी करना चाहेगा, तो उसे इसकी इजाजत नहीं दी जायेगी.लेकिन मांग ठुकराये जाने के बाद से अजित सिंह और उनके समर्थक आक्रोशित होकर आंदोलन कर रहे हैं.

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