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चिड़ियाघर प्रशासन की सफाई, हमारी तरफ से सुरक्षा में कोई खामी नहीं रही

नयी दिल्ली: दिल्ली के चिड़ियाघर में सफेद बाघ के द्वारा एक युवक की मौत के बाद राष्ट्रीय प्राणी उद्यान के क्यूरेटर आर ए खान ने कहा कि हमारी तरफ से सुरक्षा मे कोई खामी नहीं थी हमने युवक को बचाने की हरसंभव कोशिश की. अगर वहां मौजुद लोग शोर कम मचाते तो बाघ को भोजन […]

नयी दिल्ली: दिल्ली के चिड़ियाघर में सफेद बाघ के द्वारा एक युवक की मौत के बाद राष्ट्रीय प्राणी उद्यान के क्यूरेटर आर ए खान ने कहा कि हमारी तरफ से सुरक्षा मे कोई खामी नहीं थी हमने युवक को बचाने की हरसंभव कोशिश की. अगर वहां मौजुद लोग शोर कम मचाते तो बाघ को भोजन का लालच देकर पिजंरे में वापस बुलाया जा सकता था. लोग कह रहे है कि बाघ को बेहोश करके युवक की जान बचायी जा सकती थी लेकिन उन्हें नहीं पता कि इसमें 15 से 20 मिनट का वक्त लगता है.

बाघ पर विशेष निगरानी रखी जा रही है. उसे पिजड़े में बंद रखा गया है और बाहर नहीं निकाला जा रहा है. इस घटना के बाद एक दिन के बाद पर्यावरण और वन मंत्रालय तथा केंद्रीय चिडियाघर प्राधिकरण के दलों ने आज चिडियाघर में दर्शकों के लिए सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की.ये दल पर्यावरण मंत्रालय और केंद्रीय चिडियाघर प्राधिकरण के शीर्ष अधिकारियों को कल की घटना, उसकी परिस्थितियों के बारे में रिपोर्ट देंगे और यह भी बताएंगे कि किन तरीकों से इस घटना से बचा जा सकता था.
राष्ट्रीय प्राणी उद्यान के क्यूरेटर आर ए खान ने यह जानकारी दी. कल दिल्ली के चिडियाघर में यह भयावह घटना सामने आई थी. सफेद बाघ के बाडे में गिर गये 20 साल के मकसूद को बाघ ने मार डाला था.सात साल के बाघ विजय को आज उसके पिंजडे से बाहर नहीं निकाला गया. उस पर अगले दो तीन दिन तक निगरानी रखी जाएगी.
बाघ का जन्म 2007 में चिडियाघर में ही हुआ था और वह अब सामान्य व्यवहार कर रहा है. क्यूरेटर ने बताया कि उसने कल शाम 4:30 बजे और आज भी अपनी सामान्य खुराक के तौर पर भैंस का 10 किलो मांस खाया था. चिडियाघर के डॉक्टरों ने उसकी जांच की और पूरी तरह सामान्य पाया.
इस घटना का एक मिनट 20 सैकंड का एक वीडियो सामने आया है जिसमें देखा जा सकता है कि बाघ युवक को कई बार पंजे मार रहा है और आखिर में शोर मचा रहे दर्शकों के बीच में से पत्थर गिरने के बाद चिढकर वह मकसूद को जबडे में दबाकर ले जाता है और मार डालता है.
खान ने कहा कि अगर लोगों ने शोर नहीं मचाया होता तो वे उसे पिंजडे में खाना डालने का संकेत देकर वापस बुला लेते. बाघ युवक को नुकसान पहुंचाये बिना पिंजडे में लौट आता. लोग कह रहे हैं कि बाघ को बेहोश किया जा सकता था लेकिन उन्हें पता होना चाहिए कि इसमें भी 15 मिनट लगते हैं. उन्होंने कहा कि उनकी ओर से सुरक्षा में कोई खामी नहीं रही.

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