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आज शाम तक हो सकती है भाजपा-शिवसेना गंठबंधन टूटने की घोषणा

मुंबई: महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना गंठबंधन अब टूट के कगार पर पहुंच गया है. अगर सूत्रों की मानें, तो अब यह गंठबंधन टूट चुका है, सिर्फ ऐलान होना बाकी है. सूत्रों के हवाले से प्राप्त जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री पद को लेकर शुरू हुआ विवाद अब इतना बढ़ चुका है कि दोनों पार्टियों को करीब लाना […]

मुंबई: महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना गंठबंधन अब टूट के कगार पर पहुंच गया है. अगर सूत्रों की मानें, तो अब यह गंठबंधन टूट चुका है, सिर्फ ऐलान होना बाकी है.

सूत्रों के हवाले से प्राप्त जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री पद को लेकर शुरू हुआ विवाद अब इतना बढ़ चुका है कि दोनों पार्टियों को करीब लाना संभव नहीं है. संभव है कि आज गंठबंधन टूटने की घोषणा कर दी जाये. अगर ऐसा होता है, तो महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना का 25 वर्ष पुराना गंठबंधन टूट जायेगा.

बुधवार देर रात तक चली बैठक से कुछ नतीजा निकलकर सामने नहीं आया. दोनों में छोटी पार्टियों को सीट देने पर पेंच फंसता दिख रहा है. महायुति के सारे फार्मूले फेल होते दिख रहें हैं. शिवसेना 150 सीट से नीचे आने को अब भी तैयार होती नहीं दिख रही है. दोनों पार्टियों में सीटों की अदला-बदली को लेकर भी बात नहीं बन पा रही है.

गंठबंधन की गांठ ढीली होने के बीच भाजपा के राष्‍ट्रीय अमित शाह मुंबई दौरा रद्द कर दिया गया है. उन्हें आज मुंबई आना था.देर रात भाजपा की ओर से एक और प्रपोजल शिवसेना को दिया गया. इसमें शिवसेना को 147 सीट भाजपा देने को तैयार होती दिख रही है. वह अपने पास 127 सीट रखेगी जबकि छोटे दलों को 14 सीट प्रपोजल में है. सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार शिवसेना ने इस प्रपोजल को भी नकार दिया है.

महाराष्‍ट्र भाजपा अध्‍यक्ष ओम माथुर ने कहा कि आज दोनों पार्टियों में फिर बात होगी जिसमें सीट और गंठबंधन को लेकर बातचीत होगी. आज शाम चार बजे तक दोनों पार्टियों के बीच कुछ ठोस निकलकर आने की उम्मीद है. वहीं भाजपा नेता राजीव प्रताप रुढी ने कहा कि विधानसभा चुनाव में छोटे दलों को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है. लोकसभा चुनाव में उन्होंने हमारा साथ दिया है तो हम उन्हें विधानसभा चुनाव में कैसे छोड़ सकते हैं.

इससे पहले कल छोटे दलों ने गंठबंधन से अलग होने के संकेत दिये थे. महायुति में शामिल चार छोटे दल इतने कम सीट पर मानते नहीं दिख रहे हैं. सीटों के बंटवारे के इस फैसले से रामदास आठवले की आरपीआई, राजू शेट्टी की स्वाभिमानी शेतकारी संगठन, महादेव जानकर की राष्ट्रीय समाज पार्टी के गंठबंधन से बाहर आने के संकेत से दोनों दल सकते में हैं.

महादेव जानकर गंठबंधन से काफी नाराज दिख रहे हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा शिवसेना ने पीठ में छूरा घोंपने का काम किया है. दोनों पाटियों ने सिर्फ अपना ख्‍याल रखा है. मुझे शिव सेना और भाजपा से ऐसी उम्मीद नहीं थी. राज्य की 24 प्रतिशत जनता हमारे साथ है. हम अपने दमपर 10 विधायक चुनकर ला सकते हैं.

स्वाभिमानी शेतकारी पार्टी की ओर से प्रतिक्रिया देते हुए सदाबाऊ खोत ने कहा कि भाजपा-शिवसेना ने अपने अपने पक्ष में सीट करने के लिए मेरा इस्तेमाल किया. दोनों पार्टियों ने मिलकर मेरी सीट का स्थान बदल दिया है. इसकी जानकारी उन्होंने मुझे नहीं दी और मुझे मीडिया से यह जानकारी मिल रही है जो काफी दुखद है.

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