प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका रवाना
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अमेरिका के लिए रवाना हो गये.भारत के प्रधानमंत्री के रूप में मोदी इस यात्रा के जरिये इतिहास रचने के लिए तैयार है. मोदी पहले प्रधानमंत्री होंगे जो अपनी अमेरिकी यात्रा के दौरान इतने सारे सार्वजनिक एवं आधिकारिक कार्यक्रम में शामिल होंगे. मोदी विशेष विमान एयर इंडिया वन से […]
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अमेरिका के लिए रवाना हो गये.भारत के प्रधानमंत्री के रूप में मोदी इस यात्रा के जरिये इतिहास रचने के लिए तैयार है.
मोदी पहले प्रधानमंत्री होंगे जो अपनी अमेरिकी यात्रा के दौरान इतने सारे सार्वजनिक एवं आधिकारिक कार्यक्रम में शामिल होंगे. मोदी विशेष विमान एयर इंडिया वन से न्यूयॉर्क के जॉन एफ कैनेडी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरेंगे और 30 सितंबर की शाम को वाशिंगटन के एंड्रियूज वायु सैनिक अड्डे से स्वदेश लौटेंगे.
भारत के साथ- साथ नरेंद्र मोदी के लिए भी यह यात्रा बेहद अहम है. 2002 के गुजरात दंगों के बाद अमेरिका ने नरेंद्र मोदी को वीजा देने से इनकार कर दिया था, लेकिन आज वही अमेरिका नरेंद्र मोदी का बाहें फैलाकर स्वागत करने को तैयार है. अमेरिकी यात्रा के दौरान मोदी के कई कार्यक्रम हैं.
सबसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम संयुक्त राष्ट्र महासभा का संबोधन है जहां नरेंद्र मोदी हिंदी में भाषण देंगे. इसके अलावा राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ द्विपक्षीय वार्ता के साथ- साथ अमेरिकी प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों एवं शीर्ष व्यापारिक घरानों के प्रमुखों के साथ कई उच्च स्तरीय बैठकों में शामिल है. नरेंद्र मोदी इससे पहले 90 के दशक में अमेरिका की यात्रा कर चुके हैं इसमें उनके साथ मुरली मनोहर जोशी भी शामिल थे. मोदी और जोशी स्वामी विवेकानंद की 100वीं जयंती के अवसर पर कार्यक्रम में शामिल होने शिकागो पहुंचे थे.
कई प्रमुख मुद्दों पर बातचीत करेंगे नरेंद्र मोदी
भारत को इस यात्रा से बहुत सारी उम्मीदें है. पीएमओ की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली न्यूयार्क और वाशिंगटन यात्रा को भारत की बहुपक्षवाद के प्रति प्रतिबद्धता के अनुपालन और उन क्षेत्रों में भारत-अमेरिका संबंधों में सहयोग बढ़ाने की इच्छा के संकेत के तौर पर देखते हैं जिन क्षेत्रों में हम मिलकर काम कर सकते हैं और जिन क्षेत्रों में हम एक-दूसरे के लिए और अधिक प्रयास कर सकते हैं.
इस बयान से अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारत को अमेरिका यात्रा से क्या उम्मीदें है. दूसरी तरफ भारत के दूसरे देशों से बेहतर होते रिश्ते को देखकर अमेरिका भी निवेश की नयी सीमाएं तय कर सकता है. अमेरिका में उनका कार्यक्रम 27 सितंबर से शुरु होगा. सबसे पहले वे 9/11 के आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देंगे.
उसके बाद वो संयुक्त राष्ट्र के परिसर का मुआयना करेंगे और फिर संयुक्त राष्ट्र प्रमुख बान की मून से मुलाकात करेंगे.मोदी अमेरिका यात्रा में कई देश के प्रमुख लोगों से मुलाकात करेंगे इसमें मुख्य रूप से पड़ोसी देश श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंद्रा राजपक्षे, नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोइराला और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ मुलाकत अहम होगी.
क्या पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से होगी मुलाकात
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मोदी की मुलाकात नहीं होगी. मोदी के अमेरिका पहुंचने के कुछ देर बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री स्वदेश रवाना हो जायेंगे. इन दोनों के मुलाकात के लिए भारत और पाकिस्तान की तरफ से भी विशेष प्रयास नहीं किया गया.
इससे पहले मोदी और नवाज की मुलाकात शपथ ग्रहण समारोह में हुई थी और दोनों देश के रिश्ते सुधरने की उम्मीद थी दोनों की मुलाकात को काफी सकारात्मक बताया गया था और कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत हुई थी. इतना ही नहीं दोनों प्रधानमंत्रियों ने एक दूसरे की मां को तोहफा भेजकर व्यक्तिगत तौर पर एक नये रिश्ते की शुरुआत की थी.
मोदी के उपवास का रखा जायेगा विशेष ध्यान
नरेंद्र मोदी के उपवास की खबर के बाद व्हाइट हाउस की ओर जारी बयान में कहा गया कि अमेरिका किसी देश की परंपरा और रीति रिवाज का सम्मान करता है. भारतीय पक्ष ने भी मोदी के खान-पान संबंधी पसंद का भी संकेत दे दिया है क्योंकि प्रधानमंत्री अपनी यात्रा के दौरान नवरात्र के नौ-दिन के उपवास पर रहेंगे.
अन्य कार्यक्रम
अमेरिका में मोदी के 50 से ज्यादा कार्यक्रम इसमें 15 से अधिक शीर्ष मुख्य कार्यकारियों से मिलेंगे जिनमें गूगल, बोइंग और जनरल इलेक्ट्रिक के कार्यकारी शामिल होंगे क्योंकि भारत और अधिक विदेशी निवेश आकर्षित करने को इच्छुक है. इस यात्रा में अमेरिका के 50 से अधिक सांसद मोदी से मिल सकते हैं.
इसके अलावा मोदी प्रवासी भारतीयों से भी मुलाकात करेंगे इसके अलावा कई सार्वजनिक कार्यक्रम रखे गये है. अगर इतिहास पर नजर डालें तो शायद यह पहला अवसर है जब किसी भारतीय प्रधानमंत्री की अमेरिकी यात्रा के दौरान इतने सारे सार्वजनिक एवं आधिकारिक कार्यक्रम रखे गए हैं.