खतरे में 50 करोड़ कंप्यूटर
नयी दिल्ली: शोधकर्ताओं ने एक ऐसे बग का पता लगाया है जो करोड़ों कंप्यूटर, सर्वर और अन्य उपकरणों के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है. यह बग सॉफ्टवेयर वाले पुर्जे में पाया गया है जिसे ‘बैश’ कहते हैं. बैश लाइनक्स सिस्टम और एप्पल के मैक ऑपरेटिंग सिस्टम में लगा होता है. शोधकर्ताओं ने इस […]
नयी दिल्ली: शोधकर्ताओं ने एक ऐसे बग का पता लगाया है जो करोड़ों कंप्यूटर, सर्वर और अन्य उपकरणों के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है. यह बग सॉफ्टवेयर वाले पुर्जे में पाया गया है जिसे ‘बैश’ कहते हैं. बैश लाइनक्स सिस्टम और एप्पल के मैक ऑपरेटिंग सिस्टम में लगा होता है. शोधकर्ताओं ने इस बग को ‘शेलशॉक’ नाम दिया है, जिसके मार्फत कहीं दूर से भी उस सिस्टम को पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकता है, जिनमें बैश लगा होता है.
हार्टब्लीड से कहीं खतरनाक विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले अप्रैल में पता लगे हार्टब्लीड बग के मुकाबले यह कहीं ज्यादा खतरनाक है. सर्रे विश्वविद्यालय में सुरक्षा मामलों पर शोध करने वाले प्रोफेसर एल वुडवार्ड ने बताया, जहां हार्टब्लीड कंप्यूटर की जासूसी करता था, वहीं यह बग (शेलशॉक) सिस्टम पर पूरा नियंत्रण कायम कर लेता है.
खतरा इसलिए है ज्यादा कंप्यूटर सुरक्षा एजेंसियां इसे सबसे खतरनाक बग बता रही हैं. हार्टब्लीड से पूरी दुनिया में पांच लाख मशीनों के प्रभावित होने की बात मानी जा रही थी.
लेकिन विशेषज्ञों का शुरु आती आकलन है कि शेलशॉक से कम से कम 50 करोड़ मशीनें प्रभावित होंगी. यह समस्या और गंभीर है क्योंकि अधिकांश वेब सर्वर अपाचे सिस्टम सॉफ्टवेयर से चलते हैं, जिसमें बैश लगा होता है. जारी हुआ अलर्ट अधिकांश यूनिक्स कंप्यूटर में बैश एक कमांड की तरह काम करता है. यूनिक्स एक ऑपरेटिंग सिस्टम है, जिसके आधार पर लाइनक्स और मैक ओएस (ऑपरेटिंग सिस्टम) बने होते हैं. यूएस कंप्यूटर इमरजेंसी रेडीनेस टीम ने इस बग के बारे में एक अपील जारी कर कंप्यूटर सिस्टम को दुरु स्त कर लेने को कहा है. साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ रैबीड7 ने भी इस बग को बेहद खतरनाक माना है.