मुंबई : महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ 25 साल पुराना गंठबंधन टूटने के बाद बीजेपी ने अपनी अलग राह चुन ली है. जहां एक ओर शिवसेना मनसे के साथ जाने का मन बना रही है वहीं भाजपा महायुति में शामिल छोटे दलों को पाटने में जुटी हुई है.
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने इसह क्रम में आज आरपीआई नेता रामदास अठावले से मुलाकात की. शाह महाराष्ट्र में अपने बल पर सरकार बनाने की जुगत लग गये हैं. इसके लिए वे नरेंद्र मोदी का भी इस्तेमाल करेंगे.
प्राप्त जानकारी के अनुसार मोदी महाराष्ट्र में 15 अक्तूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में राज्य में 15 से अधिक चुनावी सभाओं को संबोधित करेंगे. खुद अमित शाह ने इस बात की जानकारी दी है. उन्होंने आज प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं से बात की है. पिछले दो दशकों में यह पहला चुनाव है जब शिवसेना के साथ गठबंधन के बिना भाजपा चुनाव लडेगी.
भाजपा ने आज स्पष्ट कर दिया है कि ‘महायुति’ के शेष चार दलों के साथ वह गंठबंधन करेगी. गौरतलब है कि राजू शेट्टी नीत स्वाभिमानी शेतकारी संगठन (एसएसएस), महादेव जानकर की राष्ट्रीय समाज पार्टी (आरएसपी), विनायक मेते नीत शिवसंग्राम और रामदास अठावले की आरपीआई का राज्य के कुछ हिस्सों में अपना-अपना प्रभाव है. हालांकि शिवसेना भी इन छोटे दलों को अपने साथ लाने के प्रयास में है.
वहीं अठावले की पहले शिवसेना के साथ बातचीत चल रही थी. उन्होंने आज भाजपा नेताओं से मुलाकात की और कथित तौर पर उन्हें 288 विधानसभा सीटों में से आठ सीटें देने का वादा किया गया. फडनवीस ने कहा, ‘‘हम शीघ्र ही सहयोगी दलों के बीच सीटों के आवंटन को सार्वजनिक करेंगे.’’ भाजपा के महाराष्ट्र के लिए चुनाव पर्यवेक्षक ओम माथुर, फडनवीस और प्रदेश भाजपा के अन्य नेता भी मौजूद थे.
उल्लेखनीय है कि भाजपा-शिवसेना के बीच 25 साल पुराना गठबंधन गुरुवार को टूट गया था. दोनों हर पार्टियां इसके लिए एक दूसरे को जिम्मेदार बताने में लगी हुईं है. सीट के बंटवारे को लेकर दोनों के बीच दरार आई.