मोदी ने बान की मून के समक्ष संयुक्त राष्ट्र में सुधारों पर जोर दिया
संयुक्त राष्ट्र : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र प्रमुख बान की मून के समक्ष जोरदार आवाज उठाते हुए कहा कि अगले साल विश्व निकाय की 70वीं वर्षगांठ से पहले इसमें, खासकर इसकी सुरक्षा परिषद में बहु प्रतीक्षित सुधार किए जाने चाहिए. मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन से पहले बान से मुलाकात […]
संयुक्त राष्ट्र : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र प्रमुख बान की मून के समक्ष जोरदार आवाज उठाते हुए कहा कि अगले साल विश्व निकाय की 70वीं वर्षगांठ से पहले इसमें, खासकर इसकी सुरक्षा परिषद में बहु प्रतीक्षित सुधार किए जाने चाहिए. मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन से पहले बान से मुलाकात की और दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय मुद्दों तथा जलवायु परिवर्तन पर चर्चा की.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने संवाददाताओं को बताया कि कल दोनों नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र में तत्काल सुधारों और शांति सैनिकों का योगदान देने वाले देशों को बहुपक्षीय संस्थान की निर्णय प्रक्रिया में शामिल करने जैसे मुद्दों पर चर्चा की.
अकबरुद्दीन ने बताया कि मोदी ने बान के समक्ष अगले साल संयुक्त राष्ट्र की 70वीं वर्षगांठ से पहले विश्व निकाय में सुधारों के लिए जोरदार आवाज उठाई. मोदी ने महासभा में अपने संबोधन के दौरान कहा कि 15 सदस्यीय शक्तिशाली निकाय में 2015 तक सुधार किए जाने चाहिए, ताकि इसे अधिक ‘‘लोकतांत्रिक और अधिक भागीदारी आधारित’’ बनाया जा सके.
प्रधानमंत्री ने 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा के वार्षिक सत्र में कहा, ‘‘हमें सुरक्षा परिषद सहित संयुक्त राष्ट्र में सुधार करना चाहिए, और इसे अधिक लोकतांत्रिक तथा भागीदारी आधारित बनाना चाहिए.’’मोदी ने कहा, ‘‘संस्थान जो 20वीं सदी की अनिवार्यताओं को प्रदर्शित करते हैं, वे 21वीं सदी में कारगर नहीं होंगे. इसमें अप्रासंगिकता का जोखिम होगा, और हमारे सामने ऐसी समस्याएं होंगी जिनका समाधान करने में कोई सक्षम नहीं होगा.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र, जिसका भारत संस्थापक सदस्य था, अगले साल अपनी 70वीं वर्षगांठ मनाने जा रहा है. यह उचित होगा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 2015 तक बहु प्रतीक्षित सुधार किए जाएं.
बान के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘‘महासचिव ने सभी भारतीय लोगों की सामाजिक-आर्थिक समृद्धि में सुधार पर प्रधानमंत्री द्वारा ध्यान केंद्रित किए जाने के लिए उनकी सराहना की. उन्होंने (दोनों ने) जलवायु परिवर्तन और इस चुनौती के समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया.’’ बयान में कहा गया, ‘‘महासचिव ने संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों में महत्वपूर्ण योगदान के लिए भारत का धन्यवाद व्यक्त किया. उन्होंने क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की.’’