उग्रवादी संगठन ‘ब्लैक विडो’ के प्रमुख की नेपाल स्थित संपत्ति जब्त करेगा भारत
नयी दिल्ली : भारत जल्द ही पूर्वोत्तर के उग्रवादी संगठन ‘ब्लैक विडो’ के प्रमुख की नेपाल में स्थित कथित संपत्तियों को जब्त करेगा. यह एक दुर्लभ मामला होगा जिसमें किसी संगठन द्वारा आतंकी कोष से संचित विदेश स्थित संपत्ति को भारत अपने कब्जे में लेगा. इस कार्रवाई के तहत उग्रवादी संगठन दिमा हलाम दाओघ-ज्वेल (ब्लैक […]
नयी दिल्ली : भारत जल्द ही पूर्वोत्तर के उग्रवादी संगठन ‘ब्लैक विडो’ के प्रमुख की नेपाल में स्थित कथित संपत्तियों को जब्त करेगा. यह एक दुर्लभ मामला होगा जिसमें किसी संगठन द्वारा आतंकी कोष से संचित विदेश स्थित संपत्ति को भारत अपने कब्जे में लेगा.
इस कार्रवाई के तहत उग्रवादी संगठन दिमा हलाम दाओघ-ज्वेल (ब्लैक विडो) के प्रमुख निरंजन होजाई उर्फ निर्मल राय के नेपाल स्थित खातों और अचल संपत्तियों को कब्जे में लिया जाएगा.
भारत और नेपाल की जांच एवं प्रवर्तन एजेंसियों के बीच दो साल से अधिक लंबे राजनयिक और कानूनी सहयोग के परिणामस्वरुप प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को हाल में नेपाल से ‘ब्लैक विडो’ के ‘कमांडर इन चीफ’ की संपत्तियों को जब्त करने की अनुमति मिल गई है.
यह उग्रवादी संगठन कई वर्षों से असम में अपनी गतिविधियां चलाता रहा है. एजेंसी का दावा है कि पूर्वोत्तर भारत में आतंकी गतिविधियों के जरिए होजाई ने नेपाल में धनशोधन के माध्यम से ये संपत्तियां अर्जित कीं.
सूत्रों ने बताया कि दोनों देशों के बीच अपराध डोजियरों के सिलसिलेवार आदान प्रदान के बाद काठमांडो ने होजाई की नेपाल में स्थित कथित संपत्तियों की पहचान में भारतीय अधिकारियों की मदद की. इन संपत्तियों में सुंसारी इलाके में एक मकान ‘‘भारी भरकम’’ राशि वाले कुछ बैंक एकाउंट शामिल हैं.
सूत्रों ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी अपने नेपाली समकक्षों को यह समझाने में सफल रहे कि यह निर्विवाद रुप से होजाई के खिलाफ (2010 में दर्ज) धन शोधन का मामला है और इन संपत्तियों को जब्त करने से एक बडे आतंकी फाइनेंसिंग नेटवर्क के खिलाफ कडी कार्रवाई करने में मदद मिलेगी, खासकर ऐसे समय जब भारत विदेशों में जमा काले धन और अवैध धन पर रोक लगाने तथा इस तरह की चीजों को खत्म करने के लिए रास्ते तलाश रहा है.
उन्होंने कहा कि धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के कडे आपराधिक प्रावधानों के तहत इस मामले में कुछ समय पहले नेपाल को न्यायिक आग्रह भी भेजा गया था. भारतीय एजेंसियां विदेशों में जमा, अपराध से अर्जित धन एवं देश में आतंकी गतिविधियों के जरिए हासिल धन पर अंकुश लगाने के क्रम में इस मामले को दुर्लभ अवसर के रुप में देखती हैं. प्रवर्तन निदेशालय को पूर्व में केवल दो मामलों में सफलता मिली थी और धन शोधन के जरिए अर्जित काले धन को कुछ साल पहले ऑस्ट्रेलिया तथा स्विटजरलैंड से वापस लाने में मदद मिली थी.
सूत्रों ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय इस मामले में जल्द जब्ती कार्रवाई शुरु करेगा और तब यह विदेशी धरती पर स्थित इन संपत्तियों का कब्जा लेने में सफल होगा. प्रवर्तन निदेशालय ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी :एनआईए: द्वारा होजाई, उसके संगठन तथा अन्य के खिलाफ की गई शिकायत पर संज्ञान लेने के बाद इस मामले में आपराधिक प्राथमिकी दर्ज कराई थी. होजाई फिलहाल असम में अंतरिम जमानत पर है और एनआईए से अनापत्ति प्रमाणपत्र मिलने के बाद हर छह महीने में इसका नवीनीकरण किया जाता है.