मुंबई: महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी भाजपा ने शुरु कर दी है. इसको लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कमर कस ली है. शनिवार को उन्होंने प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं से बात की. उन्होंने 13 अक्टूबर के पहले चुनाव अभियान चलाने की तैयारी की है. इस दौरान राज्यभर में करीब 300 रैलियों का आयोजन किया जायेगा जिसमें से 15 रैलियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधित करेंगे. महाराष्ट्र में होने वाले विस चुनाव में शाह की अग्नि परीक्षा होगी.
बिना बात के न उलझे नेता
अमित शाह ने अपने नेताओं को बिना किसी बात के शिवसेना या किसी अन्य दल के नेताओं से बात करने को मना किया है. गौरतलब है कि पिछले दिनों ही भाजपा का अपने 25 साल पुराने सहयोगी से गंठबंधन टूटा है. शाह को आशंका है कि अन्य पार्टियां भाजपा नेताओं को ऊलझाकर इसका फायदा उठाने की कोशिश करेंगीं.
भाजपा नहीं खेलेगी हिंदुत्व कार्ड
महाराष्ट्र विस चुनाव में भाजपा ने हिंदूत्व कार्ड नहीं खेलने का मन बनाया है. शाह को पता है कि महाराष्ट्र में हिंदुत्व कार्ड उनके लिए परेशानी का सबब बन सकती है. लोकसभा चुनाव के बाद हुए कुछ राज्यों के उपचुनाव के नतीजों से भाजपा ने बहुत कुछ सीखा है. बिहार और यूपी के उपचुनाव में भाजपा को मिली शिकस्त के बाद शाह सतर्क हो चुके हैं.
शिवसेना और मनसे के साथ आने का डर
भाजपा के साथ शिवसेना के 25 साल पुराने गंठबंधन टूटने के बाद मनसे का कद महाराष्ट्र में बढ गया है. शिवसेना ने संकेत दिया है कि वह विस चुनाव में राज ठाकरे की पार्टी मनसे के साथ जा सकती है. रविवार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने राज ठाकरे की तारीफ की हालांकि उन्होंने अभी तक खुलकर कुछ नहीं कहा है. भाजपा को डर है कि यदि ये दोनों पार्टियां साथ आ गईं तो इससे पार्टी को नुकसान होगा. यही कारण है कि अमित शाह लगातार महायुति में शामिल अन्य चार दल से लगातार संपर्क साधे हुए हैं.
फिर सोशल मीडिया का होगा इस्तेमाल
भाजपा सोशल मीडिया कर इस्तेमाल बखूबी करना जानती है. महाराष्ट्र विस चुनाव के पहले वह इस कार्य में लग गई है. भाजपा अभी से ही लोगों का ध्यान सोशल मीडिया के जरिए शिवसेना कांग्रेस और एनसीपी की खामियां बताने में जुट गई है. उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा को बहुमत दिलाने का श्रेय भाजपा के आईटी विंग को ज्यादा जाता है.