मुंबई : भाजपा -शिवसेना का 25 वर्षों का साथ छूटने के बाद अब मंत्रिमंडल में शिवसेना के सदस्य अनंत गीते इस्तीफा देंगे. गीते प्रधानमंत्री के अमेरिका दौरे से लौटने के बाद उन्हें अपना इस्तीफा सौंप देंगे. इस बात की घोषणा शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने की है.
पार्टी सूत्रों का कहना है कि अब शिवसेना राजग का साथ भी छोड़ देगी.गीते के इस्तीफे की घोषणा उद्धव ठाकरे ने तब की जब उनपर मनसे नेता और उनके चचेरे भाई राज ठाकरे ने एक रैली में हमला किया. रैली में राज ठाकरे ने शिवसेना को यह कहकर आड़े हाथ लिया था कि भाजपा से गंठबंधन टूटने के बावजूद दिल्ली में वह सत्ता से चिपकी हुई है.
राज ने कहा था कि शिवसेना को मिले अपमान के खिलाफ विरोध जताने के लिए उद्धव को गीते से तत्काल इस्तीफा देने के लिए कहना चाहिए.
शिवसेना के साथ 25 साल पुराना गठब्ंाधन खत्म करने के लिए भाजपा पर हमला बोलते हुए राज ने कहा था कि यदि पार्टी प्रमुख बाल ठाकरे जीवित होते तो उन्होंने एक माह पहले ही इस गंठबंधन को खत्म कर दिया होता.
नरेंद्र मोदी सरकार के गठन के बाद शिवसेना इस बात से नाराज था कि राजग के सबसे बड़े घटक दल को अच्छा मंत्रालय नहीं मिलने पर नाराज थे और वे महत्वपूर्ण मंत्रालय चाह रहे थे. छह बार कोंकण के रायगढ से सांसद रहे गीते ने कई दिनों की देरी के बाद मंत्रालय का प्रभार संभाला था.
वर्ष 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में बनी राजग सरकार में शिवसेना के कम सांसद होने के बावजूद उसके तीन केबिनेट मंत्री थे. वर्ष 2002 में उसने बेहद मांग में रहने वाला लोकसभा अध्यक्ष का पद वरिष्ठ नेता मनोहर जोशी के लिए हासिल कर लिया था.