कल अखबार में प्रकाशित होगा मोदी और ओबामा का संयुक्त आलेख
वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक अमेरिकी अखबार में संयुक्त संपादकीय लिखा है, जो कल के अखबार में प्रकाशित होगा. इस बात की जानकारी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने दी. उन्होंने बताया कि संपादकीय पृष्ठ के सामने वाले पृष्ठ पर कल यह लेख प्राकशित होगा. हालांकि […]
वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक अमेरिकी अखबार में संयुक्त संपादकीय लिखा है, जो कल के अखबार में प्रकाशित होगा. इस बात की जानकारी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने दी.
उन्होंने बताया कि संपादकीय पृष्ठ के सामने वाले पृष्ठ पर कल यह लेख प्राकशित होगा. हालांकि दोनों पक्षों के ओर से यह अभी तक स्पष्ट नहीं किया गया है कि आखिर लेख किस विषय पर लिखा गया है. अभी तक यह भी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि आखिर लेख किस अखबार में प्रकाशित होगा.
जब प्रवक्ता से पूछा गया कि दोनों नेताओं ने संयुक्त संपादकीय के लिए किस तरह से तालमेल बिठाया, उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं राष्ट्रपति ओबामा डिजिटल कूटनीति के बहुत ही बडे पैरोकार हैं अतएव डिजिटल ढंग से अंतर्संवाद करना बहुत आसान था. प्रधानमंत्री के यहां पहुंचने के बाद उसे (आलेख को) आज ही अंतिम रुप दिया गया.
जब उनसे पूछा गया कि यदि दोनों नेता डिजिटल ढंग से इतने सक्रिय थे तो उनके बीच साइबर जगत में विचार विनिमय क्यों नहीं हुआ, उन्होंने कहा, ह्यह्यइंतजार कीजिए और देखते जाइए. प्रवक्ता ने यह भी कहा है कि पहली बार कोई भारतीय नेता संयुक्त संपादकीय लिखने की दिशा में आगे बढा है.
प्रधानमंत्री ने अमेरिका आने से पहले वाल स्टरीट जर्नल में एक आलेख लिखा था. वह मई में सत्ता संभालने के बाद पहली बार अमेरिका यात्रा पर आए हैं. विजन स्टेटमेंट में कहा गया है हम जनसंहारक हथियारों के प्रसार को रोकेंगे और सार्वभौमिक, सत्यापन योग्य एवं गैर-भेदभावकारी परमाणु निशस्त्रीकरण को बढ़ावा देते हुए परमाणु हथियारों का उभार कम करने के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे.
आगामी समय में अमेरिका और भारत के संबंधों को 21वीं सदी के विश्वसनीय साझेदारों के बीच का परिवर्तनकारी संबंध बताते हुए व्हाइट हाउस ने कहा, हमारी साझेदारी शेष विश्व के लिए एक आदर्श होगी. इसमें कहा गया है कि दोनों का व्यापक और अलग अलग इतिहास रहा है लेकिन हम दोनों के संस्थापकों ने स्वतंत्रता की गारंटी चाही जो हमारे नागरिकों को अपना प्रारब्ध तय करने और निजी आकांक्षाओं को पूरा करने का अधिकार देती है.
व्हाइट हाउस ने कहा हमारी रणनीतिक भागीदारी लोकतंत्र एवं स्वतंत्रता के माध्यम से हमारे लोगों को समान अवसर मुहैया कराने के लिए हमारे साझा मिशन पर आधारित है.विजन स्टेटमेंट के अनुसार, दोनों देश उदार एवं समावेशी नियमों पर आधारित ऐसी वैश्विक व्यवस्था का समर्थन करेंगे, जिसमें भारत पर अब से कहीं बडी बहुपक्षीय जिम्मेदारी होगी. इसमें सुधार के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उसकी अहम जिम्मेदारी भी शामिल होगी.
जलवायु परिवर्तन से दोनों देशों को खतरे का जिक्र करते हुए विजन स्टेटमेंट में कहा गया है कि दोनों देश इस समस्या के दुष्प्रभावों को कम करने तथा बदलते पर्यावरण को अनुकूल बनाने के लिए एकसाथ मिल कर काम करेंगे.
इस विजन स्टेटमेंट में कहा गया है कि अपनी सरकारों, विज्ञान और अकादमिक समुदाय के सहयोग से हम उस प्रदूषण के दुष्प्रभावों का हल निकालेंगे जिस पर रोक नहीं लग पाई है.
इसमें आगे कहा गया है यह सुनिश्चित करने के लिए हम साझेदार होंगे कि दोनों देशों के पास ऊर्जा के वहनीय, स्वच्छ, विश्वसनीय और विविधतापूर्ण स्रोत हों जिसमें , भारत को अमेरिका की परमाणु उर्जा प्रौद्योगिकी देने के हमारे प्रयास भी शामिल हों.
इसके अनुसार, अमेरिका और भारत दोनों लोकतंत्रों की अंतर्निहित क्षमता के दोहन के लिए अपनी रणनीतिक साझेदारी को व्यापक और गहरा करने तथा अपने लोगों, अर्थव्यवस्थाओं और व्यवसायों के बीच बढते संबंधों के लिए प्रतिबद्ध हैं.
विजन स्टेटमेंट में कहा गया है हम एक भरोसेमंद और स्थायी मित्रता चाहते हैं जो हमारे नागरिकों और पूरी दुनिया के लोगों के लिए सुरक्षा, स्थिरता लाए, वैश्विक अर्थव्यवस्था को बढावा दे तथा शांति और समृद्धि बढाए. नरेंद्र मोदी और ओबामा की मुलाकात 90 मिनट तक चली थी जिसमें दोनों ने सौहार्दपूर्ण वातावरण में बातचीत की थी.