वाशिंगटन : अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट में प्रकाशित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के संयुक्त संपादकीय में दोनों नेताओं ने कहा है कि हमारे संबंध में पहले से बहुत ज्यादा द्विपक्षीय तालमेल है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि आज हमारी भागीदारी मजबूत, विश्वसनीय और टिकाऊ है और इसमें विस्तार हो रहा है.
मोदी और ओबामा ने संपादकीय में कहा है कि साल 2000 में नि:संदेह, ऐसा बहुत कुछ हुआ जिसके चलते तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी कह सके कि हम स्वाभाविक साझीदार हैं. ओबामा और मोदी ने कहा है कि अब भी हमारे संबध की वास्तविक क्षमता को पूरी तरह हकीकत का रूप दिया जाना बाकी है. मोदी और ओबामा ने कहा कि भारत में नयी सरकार का आना हमारे द्विपक्षीय संबंध को विस्तृत और प्रगाढ़ बनाने का एक स्वाभाविक अवसर है.
दोनों नेताओं ने कहा है कि वैश्विक साझीदार के तौर पर हम खुफिया जानकारियां साझा करके, आतंकवाद विरोधी संघर्ष तथा काननू-प्रवर्तन संबंधी सहयोग के जरिए अपनी आंतरिक सुरक्षा को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. मोदी और ओबामा ने कहा है कि भारत में नयी सरकार का आना हमारे द्विपक्षीय संबंध को विस्तृत और प्रगाढ़ बनाने का एक स्वाभाविक अवसर है.
दोनों नेताओं ने कहा है कि अधिक आत्मविश्वास व अपनी महत्वाकांक्षा से अपने मामूली व पारंपरिक लक्ष्यों से आगे जा सकते हैं. यह समय एक नया एजेंडा सेट करने का समय है, ताकि हम अपने नागरिकों को ठोस लाभ दिला सकें. दोनों नेताओं ने लिखा है कि भारत व अमेरिका के संबंधों के भविष्य को हम एक आशावादी चेहरा देना चाहते हैं.
दोनों नेताओं ने आपसी हितों, विकास, भारत के महत्वाकांक्षी विकास लक्ष्यों को पाने व संयुक्त राज्य अमेरिका को दीर्घकालिक विकास का अगुवा बनाये रखने के लिए पहल करने की बात कही है. दोनों नेताओं ने पर्यावरण, सुरक्षित भविष्य, विनिर्माण को बढ़ावा, सस्ती अक्षय ऊर्जा के विस्तार पर भी आज की मुलाकात में जोर देने की बात कही है.
संपादकीय में कहा गया है कि स्वच्छ भारत अभियान में दोनों पक्ष निजी व सिविल सोसाइटी की भागीदारी सुनिश्चित करेंगे और इसमें नये प्रयोगों, विशेषज्ञता और प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना होगा. दोनों देशों के बीच सैन्य संबंधों, निवेश बढ़ने के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था के द्वारा नहीं खोलने के कारण आर्थिक संबंधों का पर्याप्त विस्तार नहीं होने व बौद्धिक संपदा की समस्याओं का समाधान नहीं होने का उल्लेख किया है.
दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका के बीच हुए असैन्य परमाणु करार की चुनौतियों व पिछले साल अमेरिका में एक भारतीय राजनयिक गिरफ्तारी से उत्पन्न होने जैसी परिस्थितियों का सामना करने पर भी जोर दिया है. ओबामा व मोदी ने दक्षिण एशिया को एकीकृत व उसे मध्य व दक्षिण पूर्व एशिया के बाजार व लोगों से जोड़ने की प्रतिबद्धता के लिए प्रयास करने की बात भी कही है. भारत अमेरिकी निवेश व तकनीकी सहयोग का लाभ उठायेगा व अमेरिका अधिक मजबूत व समृद्ध भारत से लाभान्वित होगा.
दोनों नेताओं ने खुफिया जानकारी साझा करने, क्षेत्रीय सुरक्षा व दक्षिण चीन सागर के विवाद के संदर्भ में एक-दूसरे के संपर्क में रहने की भी बात कही है. दोनों नेताओं ने कहा है कि बेहतर कल का वादा सिर्फ अमेरिका व भारत के लिए ही नहीं है, बल्कि यह भविष्य की बेहतर दुनिया के लिए है. दोनों नेताओं ने लिखा है कि हमारी आपसी साङोदारी का केंद्रीय आधार है फॉरवर्ड दुगेदर यानी हम साथ-साथ चलें.