नयी दिल्लीः नरेंद्र मोदी अमेरिका से पांच दिनों की यात्रा के बाद भारत वापल लौट गये. मोदी के स्वागत के लिए रामविलास पासवान, वीके सिंह एयरपोर्ट पर मौजुद थे. इसके अलावा भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी मोदी का एयरपोर्ट पर जमकर स्वागत किया. मोदी की सफल यात्रा के बाद भाजपा मुख्यालय में जोरदार आतिशबाजी की गयी.मोदी के वापस लौटने के बाद कार्यकर्ताओं ने नरेंद्र मोदी को फुल दिये.
दिल्ली भाजपा के कई कार्यकर्ता इस दौरान मौजुद रहे. मोदी ने यात्रा के संबंध में कार्यकर्ताओं से भी पूछा कि यात्रा कैसी रही. मोदी हमेशा से कार्यकर्ताओं को महत्व देते है. कार्यकर्ताओं से इस तरह के सवाल पूछना और उनसे मिलकर उनके कार्यकर्ताओं के सम्मान को दर्शाता है. मोदी की अमेरिका यात्रा कई मायनों में महत्वपूर्ण रही है.
कल से नरेंद्र मोदी देश में एक नयी भूमिका में नजर आयेंगे. देश में सफाई अभियान जारी है . मंत्रिमंडल के कई नेता सफाई अभियान में जोर शोर से जुटे है.
भारत के लिए उड़ान भरने के पहले मोदी ने ओबामा को सपरिवार भारत आने का न्यौता दिया है याथ ही शानदार स्वागत के लिए उन्होंने आभार जताया.आतंकवाद पर दोनों देश ने चिंता जताई और इससे साथ मिलकर लड़ने का निर्णय लिया है.भारत में आतंक फैलाने वाले डॉन दाउद इब्राहीम की भी अब खैर नहीं है. भारत और अमरीका के बीच आतंकवाद से निबटने के लिए सहयोग बढ़ाने पर द्विपक्षीय समझौता होने के बाद उसकी मुश्किलें बढ़ सकतीं हैं.
वॉशिंगटन में भारतीय विदेश मंत्रालय की प्रेस वार्ता में जानकारी देते हुए प्रवक्ता सैयद अक़बरुद्दीन ने बताया कि आतंकवादी और आपराधिक नेटवर्कों के सुरक्षित ठिकानों को तबाह करने के लिए संयुक्त और ठोस प्रयास किए जाएंगे और लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, डी-कंपनी, हक्कानी नेटवर्क और अल कायदा को आर्थिक और कूटनीतिक मदद को रोकने के लिए दोनों देश मिलकर काम करेंगे."
भारत और अमेरिका संदिग्ध आतंकवादियों की सूचियां साझा करेंगे और उनपर कार्रवाई करेंगे. हालांकि अक़बरुद्दीन ने बताया कि भारत अमेरिका के नेतृत्व में इस्लामिक स्टेट के खिलाफ चल रही सैन्य कार्रवाई में शामिल नहीं होगा. भारत इस तरह की कार्रवाई से दूर रहेगा. भारत और अमेरिका आतंकवाद के प्रति चिंतित हैं. दोनों देश इसे रोकने के लिए आपसी सहयोग को बढायेंगे.
संयुक्त राष्ट्र में मोदी के आतंकवाद विरोधी भाषण से पूरी दुनिया काफी प्रभावित है. उन्होंने इसे रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जोर देने की बात की है. उन्होंने कहा कि भारत चार दशक से इसे झेल रहा है. अब सबको साथ आकर इसके खिलाफ कुछ ठोस कार्रवाई करने की जरुरत है.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत में जितना भी आतंकवाद है, वह इसकी ‘घरेलू उपज’ नहीं है, बल्कि ‘निर्यातित’ है. उन्होंने जोर देकर कहा कि आतंकवाद किन्हीं सीमाओं में बंधा हुआ नहीं है. पीएम ने कहा कि यह एक वैश्विक समस्या है और इससे निबटने के लिए एक सामूहिक संघर्ष ही जरूरत है. प्रधानमंत्री ने सीएनएन के भारत में अल कायदा के खतरे से जुड़े सवाल पर कहा कि ‘भारत के मुसलमान अल कायदा को फेल कर देंगे.
वहीं अमरीका ने संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए सहयोग करने का भी वादा दोहराया है.