शिवसेना ने भाजपा को सरकार में रहने के सवाल पर मुश्किल में डाला
नयी दिल्ली : भाजपा की सबसे पुरानी व भरोसेमंद सहयोगी मानी जाने वाली शिवसेना ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को मुश्किलों में डाल दिया है. पहले शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे ने उसके बाद शिवसेना कोटे से केंद्रीय मंत्री अनंत गीते ने बयान देकर स्पष्ट कर दिया कि उनकी पार्टी केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से […]
नयी दिल्ली : भाजपा की सबसे पुरानी व भरोसेमंद सहयोगी मानी जाने वाली शिवसेना ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को मुश्किलों में डाल दिया है. पहले शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे ने उसके बाद शिवसेना कोटे से केंद्रीय मंत्री अनंत गीते ने बयान देकर स्पष्ट कर दिया कि उनकी पार्टी केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से बाहर नहीं निकलेगी.
अनंत गीते ने कहा है कि केंद्र की सरकार एनडीए की सरकार है और शिवसेना ने भी उसमें योगदान दिया है. लिहाजा उनके इस्तीफे देने का सवाल ही नहीं उठता. उनसे पहले पार्टी सुप्रीमो उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को बयान दिया था कि उनकी पार्टी के मंत्री सरकार से बाहर नहीं होंगे. उन्होंने कहा था कि अगर हमारे मंत्री को इस्तीफा देना पड़ता है, तो भाजपा-शिवसेना से जीते महाराष्ट्र के सभी सांसदों को इस्तीफा देना पड़ेगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि महाराष्ट्र में 48 में 42 सीटें एनडीए को उतनी अधिक सीटें मिलीं थीं, न कि अकेले भाजपा को.
शिवसेना प्रमुख व गीते का यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भाजपा को मुश्किलों में डालने वाला है. क्योंकि महाराष्ट्र विधानसभा सीटों में दोनों पार्टियों के सीटों के बंटवारे के सवाल पर गंठबंधन टूट चुका है, ऐसे में चुनाव में शिवसेना भाजपा पर करारा हमला करेगी. पहले ही गंठबंधन टूटने पर वह भाजपा को पितृपक्ष का कौवा बता चुकी है. ऐसे में महाराष्ट्र चुनाव अभियान में भाजपा नेताओं के लिए प्रचार करना मुश्किल भरा होगा कि एक ओर तो शिवसेना उन पर हमला करें और उनकी पार्टी उसके कोटे के मंत्री को केंद्र में सरकार में बनाये रखे.
वहीं अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गीते को कैबिनेट से बाहर करते हैं तो शिवसेना मराठी अस्मिता का मुद्दा उठा देगी और भाजपा व उसके केंद्रीय नेताओं को महाराष्ट्र विरोधी करार देगी. ऐसे में भाजपा के लिए शिवसेना को सरकार से बाहर निकलना भी आसान नहीं होगा.