नयी दिल्ली : ई-रिक्शा अब आधिकारिक रुप से दिल्ली की सडकों पर फिर से दौड सकेंगे. सरकार ने आज इन्हें विशेष श्रेणी के तिपहिया वाहन के रुप में मान्यता दे दी है. इनकी अधिकतम गति 25 किलोमीटर प्रति घंटे की होगी. सुरक्षा संबंधी मुद्दे की वजह से दिल्ली उच्च न्यायालय ने ई-रिक्शा पर प्रतिबंध लगा दिया था और निर्णय सरकार पर छोउ़ दिया था.
सडक परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने आज अधिसूचित किया है कि ई-रिक्शा एक विशेष उद्देशीय बैटरी से चलने वाला वाहन है जिसमें तीन पहिये हैं. सरकार ने कहा है कि इस तरह के वाहन में चालक के अलावा चार से अधिक यात्री यात्रा नहीं कर सकेंगे. साथ ही कुल मिलाकर 40 किलोग्राम का सामान इसमें ढोया जा सकेगा. इसकी मोटर की नेटपावर 2,000 वॉट से अधिक नहीं होगी और वाहन की अधिकतम गति 25 किलोमीटर से अधिक नहीं होगी.
इसके अलावा ई-रिक्शा चलाने के लिए प्रत्येक ड्राइविंग या नवीकरण किए गए लाइसेंस की वैधता, जारी करने की तारीख से तीन साल से अधिक नहीं होगा. अदालत ने 31 जुलाई को राष्ट्रीय राजधानी में ई-रिक्शा को चलाने पर प्रतिबंध लगा दिया था. अदालत ने कहा था कि प्रथम दृष्टया यह अन्य यातायात व नागरिकों के लिए खतरा हैं. उच्च न्यायालय की पीठ ने इसे संसद व केंद्र पर छोड दिया था कि ई-रिक्शा के नियमन के लिए कानून में क्या बदलाव किए जाने चाहिए.
सडक परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि उनका मंत्रालय इस वाहन से जुडे सुरक्षा के मुद्दे को हल करने का प्रयास कर रहा है. मंत्री ने कहा था कि ई-रिक्शा पर प्रतिबंध की वजह से हजारों लोगों की रोजी रोटी का जरिया छिन गया है.