अहमदाबाद:देश में अपनी तरह के पहले प्रयास के तहत गुजरात अपनी 1600 किलोमीटर लंबी तटरेखा की सुरक्षा के लिए ‘जल-थल दोनों में सक्रिय’ रहनेवाले 1000 मरीन कमांडो की तैनाती कर रहा है. ताकि समुद्र एवं तट के रणनीतिक लिहाज से महत्वपूर्ण ठिकानों पर घुसपैठ और नशीले पदार्थो की तस्करी को रोका जा सके.
नंदा ने कहा,‘इस प्रयास के जरिये, गुजरात भारत का ऐसा पहला राज्य बन गया है, जिसके पास घुसपैठ और नशीले पदार्थो की तस्करी जैसे विभिन्न खतरों से अपनी तटरेखा की सुरक्षा के लिए अपनी मरीन कमांडो है.’ पुलिस महानिदेशक ने कहा, ‘मरीन सुरक्षा की तीन परतें हैं. पहला भारतीय नौसेना, इसके बाद तटरक्षक और फिर मरीन कमांडो बल. मरीन कमांडो तट से 12 नॉटिकल मील की दूरी तक नजर रखेंगे. इस सीमा से परे की जिम्मेदारी तट रक्षक की होगी और फिर भारतीय नौसेना की.’ मरीन कमांडो इकाई गुजरात सरकार द्वारा स्थापित 22 मरीन पुलिस चौकियों से इतर हैं.
ये चौकियां भावनगर, वेरावल, पोरबंदर और जाम नगर जैसे तटीय शहरांे में विभिन्न स्थानों पर स्थापित की गयी हैं. ठाकुर ने कहा,‘मरीन पुलिस चौकियां तटीय इलाकों के लिए बनी अन्य पुलिस चौकियों की ही तरह हैं, जबकि ये कमांडो इकाइयां निगरानी और गश्त के लिए हैं. हमने मरीन कमांडो के प्रशिक्षण के लिए जाम नगर को विशेष प्रशिक्षण केंद्र के तौर पर चुना है. यह बल के लिए मुख्यालय के तौर पर भी काम करेगा.’
‘‘इसके लिए 50 प्रतिशत कमांडो की नियुक्ति मौजूदा राज्य रिजर्व पुलिस (एसआरपी) से की जायेगी. हमारे तट की सुरक्षा के लिए तैनात किये जानेवाले 1000 कमांडो में से 50 प्रतिशत कमांडो मौजूदा एसआरपी इकाइयों से आयेंगे. जबकि शेष 50 प्रतिशत को एक अलग नियुक्ति प्रक्रिया के तहत शामिल किया जायेगा. वे समुद्र और जमीन दोनों पर नजर रखेंगे. एस के नंदा, अतिरिक्त प्रमुख सचिव (गृह),गुजरात
‘‘यह कमांडो बल राज्य के तट के विभिन्न स्थानों पर मरीन पुलिस चौकियों से इतर होगा. इन कमांडो पर जमीन और समुद्र दोनों पर कड़ी निगरानी रखने की जिम्मेदारी होगी. इस बल को समुद्र के भीतर और तट पर गश्त के एक अलग बजट के जरिये नौकाएं, जीपें और मोटरसाइकिलें उपलब्ध करायी जायेंगी.
पीसी ठाकुर, पुलिस महानिदेशक गुजरात