दूरदर्शन पर मोहन भागवत के भाषण का प्रसारण, कांग्रेस ने सरकार को घेरा
नागपुर : विजया दशमी के दिन नागपुर में संघ के 89वें वर्षगांठ का प्रसारण दूरदर्शन पर किया गया. अब इस प्रसारण पर सवाल खड़े होने लगे है इसमें स्वंय सेवक प्रमुख के भाषण का राष्ट्रीय चैनल दूरदर्शन पर प्रसारित किया गया. क्या किसी संगठन के कार्यक्रम को प्रसारित करने के लिए दूरदर्शन के पास कोई […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
October 3, 2014 4:03 PM
नागपुर : विजया दशमी के दिन नागपुर में संघ के 89वें वर्षगांठ का प्रसारण दूरदर्शन पर किया गया. अब इस प्रसारण पर सवाल खड़े होने लगे है इसमें स्वंय सेवक प्रमुख के भाषण का राष्ट्रीय चैनल दूरदर्शन पर प्रसारित किया गया. क्या किसी संगठन के कार्यक्रम को प्रसारित करने के लिए दूरदर्शन के पास कोई मानक हैं. इस प्रसारण के बाद क्या देश के दूसरे धार्मिक-सांस्कृतिक संगठनों के कार्यक्रमों का प्रसारण भी दूरदर्शन करेगा. इस भाषण पर सबसे पहले इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने आपत्ति दर्ज की. इसके बाद वाम दल और कांग्रेस ने भी इस पर सवाल खड़े करने लगा है.
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने इस भाषण में मोदी की जमकर तारीफ की. विजयादशमी के अवसर पर नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत के संबोधन का दूरदर्शन द्वारा सीधा प्रसारण किए जाने को लेकर आज विवाद खडा हो गया जब कांग्रेस और वाम दलों ने दूरदर्शन के ‘‘दुरुपयोग’’ की कडी आलोचना की लेकिन भाजपा ने इसका बचाव किया.
कांग्रेस प्रवक्ता संदीप दीक्षित ने करीब घंटे भर के इस प्रसारण को एक ‘‘खतरनाक परंपरा’’ बताते हुए कहा कि आरएसएस एक विवादास्पद संगठन है. उन्होंने कहा, ‘‘यह एक खतरनाक परंपरा है. यह कोई ऐसा संगठन नहीं है जो पूरी तरह से निष्पक्ष हो. यह एक विवादास्पद संगठन है.’’ उन्होंने कहा कि यह सरकार का एक राजनीतिक फैसला है.
कांग्रेस नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि हमारी राष्ट्रीय आकांक्षाओं के मामले में हम आरएसएस के रिकार्ड को संदेह से परे नहीं मानते माकपा ने कहा, ‘‘आरएसएस इस अवसर का इस्तेमाल अपनी हिन्दुत्व की विचारधारा को फैलाने के लिए करती है. राष्ट्रीय सार्वजनिक प्रसारक को आरएसएस जैसे संगठन के प्रमुख के भाषण को सीधा प्रसारित नहीं करना चाहिए था.’’ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने भी भागवत के भाषण को सीधा प्रसारित किये जाने की निंदा की और कहा कि यह सरकारी प्रसारक का दुरुपयोग है.
भाकपा के महासचिव डी राजा ने कहा कि सरकार और खासकर सूचना एवं प्रसारण मंत्रलय को दूरदर्शन को आरएसएस का मुख्यपत्र बनने की इजाजत देने के लिए जनता को स्पष्टीकरण देना चाहिए. भागवत के भाषण के प्रसारण का बचाव करते हुए भाजपा की शाइना एन सी ने कहा कि आरएसएस एक मात्र राष्ट्रवादी संगठन है जो भारत सबसे पहले (इंडिया फस्र्ट) में विश्वास करता है और साथ ही देश को व्यक्तिगत हित से उपर मानती है.