महाराष्ट्र में मोदी की हुंकार, कांग्रेस-राकांपा को लिया आडे हाथ
बीड : महाराष्ट्र के बीड विधानसभा क्षेत्र में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी ने वहां की जनता से गोपीनाथ मुंडे के नाम पर समर्थन मांगा. उन्होंने देश के सफाई के लिए जनता से उनकी पार्टी को वोट देने की अपील की. मोदी ने कहा कि महाराष्ट्र का माग्य बदलने के लिए केंद्र […]
बीड : महाराष्ट्र के बीड विधानसभा क्षेत्र में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी ने वहां की जनता से गोपीनाथ मुंडे के नाम पर समर्थन मांगा. उन्होंने देश के सफाई के लिए जनता से उनकी पार्टी को वोट देने की अपील की. मोदी ने कहा कि महाराष्ट्र का माग्य बदलने के लिए केंद्र सरकार कंधे से कंधा मिलाकर चलने को तैयार है.
उन्होंने कहा कि गोपीनाथ मुंडे के सपने को साकार करना है. उल्लेखनीय है कि गोपीनाथ मुंडे की दूसरी बेटी पंकजा मुंडे को बीड से भाजपा ने अपना प्रत्यासी बनाया है. 15 अक्तूबर को बीड में मतदान है. मोदी ने जनता से भारी मतदान की अपील की है.
महाराष्ट्र के बीड और औरंगाबाद में रैलियों को संबोधित करते हुए मोदी ने पूर्ववर्ती कांग्रेस-राकांपा गठबंधन सरकार को भ्रष्टाचार को लेकर आडे हाथ लिया और उस पर एक पूरी पीढी को बर्बाद करने का आरोप लगाया. राकांपा और कांग्रेस के चुनाव चिह्नों की ओर इशारा करते हुए मोदी ने कहा, यह ऐसा गठजोड था कि जैसी ही घडी चली तो हाथ ने सब कुछ साफ कर दिया. अब कुछ भी नहीं बचा. महाराष्ट्र में हर युवा भ्रष्टाचार के कारण कर्ज के भारी बोझ में दबा है.
मोदी ने दिवंगत नेता गोपीनाथ मुंडे के संसदीय क्षेत्र में पहली चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, कांग्रेस-राकांपा सरकार से किसी को फायदा नहीं हुआ. किसान, दलित, युवक, आदिवासी, महिलाओं, गांवों, शहरों किसी को फायदा नहीं हुआ. एक पूरी पीढी तबाह हो गयी. अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा समेत दुनिया के नेताओं के साथ अपनी मुलाकात का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि चीन और जापान दोनों महाराष्ट्र समेत कुछ राज्यों में अत्याधुनिक औद्योगिक पार्क खोलेंगे. जापान मुंबई और अहमदाबाद के बीच हाईस्पीड रेलवे के निर्माण में मदद देगा.
राकांपा अध्यक्ष शरद पवार का नाम लिये बिना प्रधानमंत्री ने कहा कि जब वह केंद्रीय कृषि मंत्री थे तो महाराष्ट्र में किसानों की खुदकुशी रोकने के लिए कुछ नहीं किया गया. उन्होंने कहा, जिन्होंने दिल्ली में किसानों की राजनीति की, उन्होंने आत्महत्याओं को रोकने के लिए कुछ नहीं किया. राज्य में हर साल 3700 किसान अपनी जान ले लेते हैं. क्या महाराष्ट्र के किसान इसी तरह मारे जाते रहेंगे.