जानिए.. इस बार के चक्रवाती तूफान का नाम क्यों पड़ा हुडहुड

नर्गिस, लैला, कैटरीना, नीलम, फैलीन, हेलन, नीलोफर यह सब किसी महिला का नहीं बल्कि दुनियाभर में आए समुद्री तूफानों का नाम है. साइक्‍लोन, हरिकेन या चक्रवात कह लें, इनका अनोखा नाम सभी के लिए दिलचस्‍पी का विषय है. वर्षों पहले साइक्‍लोन का नामकरण करने की शुरुआत हुई ताकि इससे होने पाले खतरे का संदेश आसानी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 9, 2014 3:43 PM

नर्गिस, लैला, कैटरीना, नीलम, फैलीन, हेलन, नीलोफर यह सब किसी महिला का नहीं बल्कि दुनियाभर में आए समुद्री तूफानों का नाम है. साइक्‍लोन, हरिकेन या चक्रवात कह लें, इनका अनोखा नाम सभी के लिए दिलचस्‍पी का विषय है. वर्षों पहले साइक्‍लोन का नामकरण करने की शुरुआत हुई ताकि इससे होने पाले खतरे का संदेश आसानी से लोगों तक पहुंचाया जा सके. लोगों का मानना है कि साइक्‍लोन के आसान नाम से इसे याद रखने में आसानी होती है.

मौसमविदों का मानना है कि मीडिया रिपोर्ट्स में साइक्‍लोन को लेकर दी गई पूर्व सूचना, चेतावनियां इसके आसान नामों के वजह से और त्‍वरित हो जाती है. साइक्‍लोन के नामों को लि‍खने और बोलने में जानेमाने और छोटे शब्‍दों का प्रयोग इनके लिए जागरुकता के लिए आसान होता है.
शुरुआत में तूफानों का नाम मनमाने ढंग से रखा जाता था. ले‍कि‍न 1990 के दशक की शरुआत में साइक्‍लोनो के नामकरण पद्धति में कुछ बदलाव आया, उसके बाद इनके नाम ज्‍यादातर महि‍लाओं के नाम पर रखे जाने लगे. तूफानों के नामकरण के क्रम को और भी सिसिलेवार ढंग से करने उद्देश्‍य से मौसम वैज्ञानिकों ने इसकी बेहतर पहचान के लिए इनके नामों को पहले से सूचीबद्ध तरीके से अल्‍बेटिकली शब्‍दों के प्रयोग पर जोर दिया. इसी के तहत 1990 के शुरुआत में पहले साइक्‍लोन का नाम ‘ए’ से ‘एन्‍ने’ रख गया.
1990 के दशक से पहले दक्षि‍णी गोलार्ध में आये सारे तूफानों का नाम पुरुषों के नाम पर रखा जाने लगा था. लेकिन 1953 के बाद से नेश्‍नल हरिकेन सेंटर के द्वारा उष्‍ण कटिबंधीय तूफानों का नामकरण किया जाने लगा.इन तूफानों का नामकरण अब इंटरनेशनल कमि‍टी ऑफ मेटेरोलॉजिकल आर्गेनाइजेसन के हाथों में है. यह एक रोचक बात है कि उष्‍ण कटिबंधीय क्षेत्रों में आए तूफानों का नामकरण ना ही किसी खास इंसान के नाम पर की गयी और ना ही किसी अल्‍फाबेटिकली सूचीबद्ध तरीका से हुई बल्कि इन जगहों पर लोगों के द्वारा नामचीन और क्षेत्रों में जानेमाने चीजों पर आधार पर किया गया.
अत: उष्‍ण कटिबंधीय क्षेत्रों में साइक्‍लोन या तूफानों का नामकरण केवल इस बात को ध्‍यान में रखकर किया जाता है ताकि इसके प्रति लोगों तक अधिक से अधिक और ज्‍यादा जागरुकता फैलायी जा सके ताकि सरकार और लोग इसे लेकर बेहतर प्रबंधन और तैयारियां कर सकें.
उष्‍ण कटिबंधीय क्षेत्रों में साइक्‍लोनकेनामकरण
उष्‍ण कटिबंधीय क्षेत्रों में साइक्‍लोन का नामकरण क्षेत्रीय स्‍तर के आधार पर किया जाता है. उदाहरण के लिए हरिकेन कमि‍टी ने पहले से ही हरिकेन के नामों की लिस्‍ट तैयार कर ली है. उत्‍तरी अटलांटिक सागर के आसपास के क्षेत्रों में नामों की छ: सूची तैयार की गयी है जिसे प्रत्‍येक 8 सालों पर दुहराया जाता है. पूर्वी उत्‍तरी प्रशांत महासागर के तटों पर आने वाले हरि‍केनो के नामों की यह सूची प्रत्‍येक छ: सालों में दोहरायी जाती है.

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