भारत में फेसबुक को सर्वर लगाने को कहें पीएम मोदी : गोविंदाचार्य

नयी दिल्ली : चिंतक व भाजपा के पूर्व नेता गोविंदाचार्य ने प्रधानमंत्री मोदी को एक खुला पत्र लिख कर आग्रह किया है कि वे फेसबुक इंक के चेयरमैन मार्क जुकरबर्ग से अपनी प्रस्तावित मुलाकात रद्द करें. उन्होंने पत्र में लिखा है कि इससे दिल्ली उच्च न्यायालय में चल रही प्रक्रिया में सरकारी पक्ष का प्रस्तुतीकरण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 9, 2014 5:36 PM
नयी दिल्ली : चिंतक व भाजपा के पूर्व नेता गोविंदाचार्य ने प्रधानमंत्री मोदी को एक खुला पत्र लिख कर आग्रह किया है कि वे फेसबुक इंक के चेयरमैन मार्क जुकरबर्ग से अपनी प्रस्तावित मुलाकात रद्द करें. उन्होंने पत्र में लिखा है कि इससे दिल्ली उच्च न्यायालय में चल रही प्रक्रिया में सरकारी पक्ष का प्रस्तुतीकरण प्रभावित हो सकता है. उन्होंने लिखा है कि इसके बावजूद यदि आप मार्क जुकरबर्ग से मुलाकात करते हैं तो किसी भी करारनामे से पहले उनसे कुछ मुद्दों पर यह सुनिश्चित कर लें कि उनकी कंपनी भारतीय कानून का पालन करे, ताकि देश में कानून के शासन की अवधारणा मजबूत हो.
फेसबुक द्वारा पूर्व में व वर्तमान में कर चोरी कर अजिर्त किये गये हजारों करोड़ रुपये की आयकर एवं सेवा कर का भारत में भुगतान सुनिश्चित किया जाये और उससे देश के गरीबों के लिए शौचालयों का निर्माण कराया जाये. फेसबुक द्वारा कानून के अनुसार भारत में शिकायत अधिकारी की नियुक्ति हो और इस प्रक्रिया को आम जनता के लिए कंपनी द्वारा टोल फ्री नंबर की सुविधा भी देनी चाहिए, जिससे महिलाओं एवं बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा हो सके, जो संविधान के अनुसार उनका मूल अधिकार है.
गोविंदाचार्य ने पत्र में लिखा है कि भारत के सरकारी डाटा को देश से बाहर नहीं ले जाना दिया जाये और उसे यहीं पर सर्वर लगाने को कहा जाये. इससे देश में रोजगार का भी सृजन हो सकेगा और विदेशी जासूसी के प्रति भारतीय संप्रभुता सुनिश्चित हो सकेगी. उन्होंने पत्र में कहा है कि भारत के 10 करोड़ फेसबुक यूजर्स की प्राइवेसी की रक्षा करना और उन जानकारियों को अमेरिकी गुप्तचर एजेंसियों को गैर कानूनी तरीके से नहीं प्रदान करना चाहिए.
उन्होंने पत्र में लिखा है कि भारतीय जनता नि:शुल्क सेवाओं के नाम पर दिग्भ्रमित हो सकती है. उन्होंने कहा कि सरकार को संविधान के प्रति अपने उत्तरदायित्व के अनुरूप करों की वसूली सुनिश्चित करना चाहिए. उन्होंने लिखा है कि भारत सरकार अगर उपरोक्त कानून सम्मत निर्देशों को मानने से अगर फेसबुक के चेयरमैन जुकरबर्ग इनकार करते हैं तो सरकार से उस कंपनी का कोई भी समझौता संविधान विरोधी होगा.

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