जमानत के लिए जयललिता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

नयी दिल्ली : आय से अधिक संपत्ति अजिर्त करने के मामले में दोषी ठहरायी गयी अन्नाद्रमुक प्रमुख व तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता ने जमानत के लिए गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की. इससे पहले कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मंगलवार को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी. पिछले 12 दिनों से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 9, 2014 8:29 PM
नयी दिल्ली : आय से अधिक संपत्ति अजिर्त करने के मामले में दोषी ठहरायी गयी अन्नाद्रमुक प्रमुख व तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता ने जमानत के लिए गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की. इससे पहले कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मंगलवार को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
पिछले 12 दिनों से जेल में बंद अन्नाद्रमुक प्रमुख ने उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया गया था. जयललिता शीर्ष अदालत से शुक्रवार को मामले का उल्लेख करने की अवधि के दौरान जमानत याचिका पर शीघ्र सुनवाई का अनुरोध कर सकती हैं.
अपनी याचिका में जयललिता ने तत्काल राहत का अनुरोध करते हुए कहा कि उन्हें इस मामले में चार साल की कैद की सजा सुनायी गयी है और वह कई तरह की बीमारियों से पीड़ित हैं. इस मामले में विशेष लोक अभियोजक ने कहा था कि जयललिता को सशर्त जमानत दिए जाने पर उसे कोई आपत्ति नहीं है. इसके बावजूद सात अक्तूबर को उच्च न्यायालय ने 66 वर्षीया पूर्व मुख्यमंत्री को जमानत देने से इनकार कर दिया.
जयललिता ने विशेष अदालत द्वारा सुनायी गयी सजा को चुनौती देने हुए कहा है कि 1991 से 1996 के दौरान उनके मुख्यमंत्री रहते प्रथम कार्यकाल में संपत्ति अजिर्त करने के आरोप झूठे हैं और उन्होंने वह संपत्ति कानूनी तरीके से प्राप्त की है. उन्होंने यह भी तर्क दिया है कि निचली अदालत ने कई फैसलों को नजरअंदाज किया है. साथ ही आयकर अपीली न्यायाधिकरण के अनेक आदेशों और फैसलों पर विचार नहीं किया, जिसने आय व खर्च के बारे में उनके तर्क को स्वीकार किया था.
उल्लेखनीय है कि उच्च न्यायालय ने जयललिता को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि भ्रष्टाचार मानव अधिकारों के उल्लंघन जैसा है और इससे आर्थिक असंतुलन होता है. उच्च न्यायालय ने उनकी सहयोगी शशिकला व उनके रिश्तेदार वीएन सुधाकरण और इलावरासी की जमानत याचिका भी खारिज कर दिया था. विशेष अदालत ने इन सभी को 18 साल पुराने मामले में चार-चार साल की कैद की सजा सुनायी थी और वे सभी जेल में हैं. अदालत ने जयललिता पर 100 करोड़ व अन्य अभियुक्तों पर 10-10 करोड़ का जुर्माना भी लगाया था.

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