नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने आज सीबीआई से एयरसेल-मैक्सिस डील में हुए घोटाले की जांच प्रगति जाननी चाही. सीबीआई की ओर से पूर्व कैबिनेट मंत्री पी. चिदंबरम से इस मामले में पूछताछ नहीं करने पर सीबीआई को मजकर फटकारा. अदालत ने सीबीआई से पूछा कि आखिर किन कारणों से इस मामले को लटकाया जा रहा है.
सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तु के नेतृत्व में एक बेंच ने सुब्रमण्यम स्वामी की अपील पर सुनवाई में आज सीबीआई से सवाल पूछा हे. स्वामी ने अदालत को बताया था कि एयरसेल-मैक्सिस डील में चिदंबरम की संलिप्तता भी है और सीबीआई चिदंबरम से पूछताछ नहीं कर रही है. स्वामी ने कहा कि चार्जशीट में चिंदबरम का नाम शामिल होने के बाद भी आखिर क्यों उनसे पूछताछ नहीं हो रही है. कोर्ट ने सीबीआई के वकील केके वेणुगोपाल को आगामी गुरुवार तक जवाब दाखिल करने को कहा है.
सीबीआई ने एयरसेल-मैक्सिस करार के इस मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन, उनके भाई कलानिधि मारन, टी आनंद कृष्णन, मलेशियाई नागरिक आगस्टस राल्फ मार्शल और चार कंपनियों- सन डायरेक्ट टीवी प्राइवेट लिमिटेड, मैक्सिस कम्यूनिकेशंस बरहड, साउथ एशिया एंटरटेनमेंट होल्डिंग लिमिटेड और एस्ट्रो ऑल एशिया नेटवर्क पीएलसी के खिलाफ भी चार्ज शीट दाखिल किया है.
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा के मामले में सुनवाई को स्थगित करते हुए 16 अक्टूबर को सुनवाई की तिथि मुकर्रर की है. इन सब के बीच चिदंबरम ने अपने बचाव में कहा है कि 2006 में एयरसेल-मैक्सिस सौदे को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) द्वारा मंजूरी दिए जाने में किसी तरह नियमों का उल्लंघन नहीं किया गया था.
जबकि सीबीआई ने अपने आरोप-पत्र में कहा है कि मैक्सिस कंपनी ने 80 करोड़ अमेरिकी डॉलर के एफडीआई की खातिर एफआईपीबी की मंजूरी मांगी थी और यह मंजूरी देने के लिए आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति सक्षम थी.