सीजफायर उल्लंघन पर बोलने से पहले कांग्रेस अपना रिकॉर्ड देखे : नायडू
नई दिल्ली: पाकिस्तान की ओर से किए जा रहे बार-बार संघर्षविराम उल्लंघनों का कथित राजनीतिकरण करने के मामले में भाजपा ने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस को कुछ भी कहने से पहले अपने गिरेबां में झांक लेना चाहिए. भाजपा के वरिष्ठ नेता और शहरी विकास मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने संवादाताओं से […]
नई दिल्ली: पाकिस्तान की ओर से किए जा रहे बार-बार संघर्षविराम उल्लंघनों का कथित राजनीतिकरण करने के मामले में भाजपा ने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस को कुछ भी कहने से पहले अपने गिरेबां में झांक लेना चाहिए.
भाजपा के वरिष्ठ नेता और शहरी विकास मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने संवादाताओं से बातचीत में कहा कि कांग्रेस को देश की सुरक्षा से जु़ड़े मुद्दों का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए. कांग्रेस को चाहिए कि इस मुद्दे पर बोलने से पहले वो अपने शासनकाल (संप्रग शासन) के रिकॉर्ड पर नजर डाल ले.चुनाव के दौरान देश की सुरक्षा से जुड़े मामलों राजनीतिकरण बिल्कुल भी सही नहीं है.
नायडू ने कांग्रेस नीत संप्रग शासन के दौरान हुए संघर्षविराम उल्लंघनों का जिक्र किया और याद दिलाया कि उसके ही शासनकाल में मुंबई का 26.11 आतंकी हमला हुआ था जिसमें 164 लोग मारे गए थे.
नाय़डू ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच 25 नवंबर, 2003 को संघर्षविराम समझौता हुआ था.उसके बाद 2007 में गोलीबारी हुई. 2008 में 77 बार फायरिंग हुई. 2009 में 28 बार और 2010 में 44 बार फायरिंग हुई, जिसमें तीन सैनिक मारे गए. 2011 में 62 बार गोलीबारी हुई. 2012 में 104 बार संघर्षविराम उल्लंघन हुआ, जिसमें 6 सैनिक मारे गए और 2013 में गोलीबारी की 347 घटनाएं हुई जिनमें 12 जवान मारे गए.
भाजपा नेता ने कहा कि ये आंकड़े सरकार ने संसद में दिए थे.
संघर्षविराम उल्लंघनों पर सर्वदलीय बैठक बुलाने की कांग्रेस की मांग के बारे में जब उनसे सवाल किया गया तो वो सवाल को टालते हुए बोले नियंत्रण रेखा पर हालात सामान्य बनाने के का सरकार का प्रयास जारी है.
साथ ही नायडू ने कहा कि पाकिस्तान को स्पष्ट शब्दों में कह दिया गय़ा है कि आतंक और वार्ता दोनों एक साथ नहीं चल सकतीं.