बाल अधिकारों के लिए मलाला युसूफजई के साथ काम करेंगे कैलाश सत्यार्थी

नयी दिल्ली : शांति के लिए नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने अपने सम्मान को करोड़ों वैसे बच्चों को समर्पित किया, जो अपने अधिकारों के हनन का सामना कर रहे हैं, जिन्हें पशुओं की तरह खरीदा-बेचा जाता है. पुरस्कार मिलने के बाद बाद कैलाश सत्यार्थी ने मीडिया से कहा कि वे नोबेल शांति पुरस्कार की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 10, 2014 4:29 PM
नयी दिल्ली : शांति के लिए नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने अपने सम्मान को करोड़ों वैसे बच्चों को समर्पित किया, जो अपने अधिकारों के हनन का सामना कर रहे हैं, जिन्हें पशुओं की तरह खरीदा-बेचा जाता है. पुरस्कार मिलने के बाद बाद कैलाश सत्यार्थी ने मीडिया से कहा कि वे नोबेल शांति पुरस्कार की सह विजेता पाकिस्तान की मलाला युसूफजई से बात करेंगे और उनके साथ बाल अधिकारों के लिए संघर्ष करेंगे. उन्होंने कहा कि वे दोनों मिल कर अशिक्षा, बाल मजदूरी व शांति के लिए काम करेंगे.
उन्होंने मीडिया से कहा कि मलाला हमारी बहुत ही प्यारी बहन हैं और मैं उनसे फोन पर बात करूंगा. उन्होंने नोबेल शांति पुरस्कार के उस संदेश पर भी खरा उतरने की बात कही, जिसमें दोनों पुरस्कार विजेताओं से बाल अधिकारों व शांति के लिए बड़े योगदान की उम्मीद की गयी है. सत्यार्थी ने कहा कि उन्हें मीडिया के माध्यम से ही पुरस्कार मिलने की खबर मिली. उन्होंने कहा कि इसे 125 करोड़ भारतीयों का सम्मान बताया.
मध्यप्रदेश के विदिशा में जन्मे 60 वर्षीय सत्यार्थी 26 वर्ष की उम्र से ही बाल अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं. 1983 में उन्होंने बचपन बचाओ आंदोलन की स्थापना की थी. यह संगठन उन्होंने बाल श्रम के दलदल में फंसे बच्चों को मुक्त कराने के उद्देश्य से स्थापित किया था. उन्होंने अपने संगठन के माध्यम से देश की राजधानी दिल्ली सहित देश के विभिन्न शहरों में छापेमारी कर बच्चों को मुक्त कराया.
कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि उनका संगठन बचपन बचाओ आंदोलन ही उनका हाथ, नाक, कान व आंख है. कैलाश सत्यार्थी को भाजपा की ओर से मुख्तार अब्बास नकवी, फिल्म अभिनेता अनुपम खेर, पूर्व आइपीएस व सामाजिक कार्यकर्ता किरण बेदी ने बधाई दी. केंद्र सरकार की ओर रविशंकर प्रसाद ने सत्यार्थी को बधाई दी है.

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