सीबीआई ने उच्च न्यायालय में दाखिल की प्रगति रिपोर्ट

-इशरत मामला-अहमदाबाद : साल 2004 में इशरत जहां और तीन अन्य के फर्जी मुठभेड़ मामले में सीबीआई ने आज गुजरात उच्च न्यायालय में अपनी तफ्तीश से जुड़ी प्रगति रिपोर्ट दाखिल की. अदालत में कल इस मामले पर सुनवाई होनी है. सीबीआई के वकील योगेश रवानी ने कहा, ‘‘पिछली सुनवाई के दौरान अदालत द्वारा दिए गए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:48 PM

-इशरत मामला-
अहमदाबाद : साल 2004 में इशरत जहां और तीन अन्य के फर्जी मुठभेड़ मामले में सीबीआई ने आज गुजरात उच्च न्यायालय में अपनी तफ्तीश से जुड़ी प्रगति रिपोर्ट दाखिल की. अदालत में कल इस मामले पर सुनवाई होनी है. सीबीआई के वकील योगेश रवानी ने कहा, ‘‘पिछली सुनवाई के दौरान अदालत द्वारा दिए गए निर्देश के अनुसार सीबीआई के जांच अधिकारी ने आज एक सीलबंद कवर में अपनी तफ्तीश की प्रगति रिपोर्ट गुजरात उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार (न्यायिक) के समक्ष दाखिल की.’’

इशरत जहां मामले में सीबीआई जांच की निगरानी कर रही न्यायमूर्ति जयंत पटेल और न्यायमूर्ति अभिलाषा कुमारी की खंडपीठ ने पिछले 10 मई को अब तक की तफ्तीश पर संतोष व्यक्त करते हुए जांच एजेंसी को और मोहलत दी थी और कहा था कि वह 13 जून तक प्रगति रिपोर्ट दाखिल करे. खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की तारीख 14 जून तय की थी. पिछली सुनवाई के बाद से सीबीआई ने अपनी जांच में अच्छी-खासी प्रगति की है. इस मामले में सीबीआई ने निलंबित आईपीएस अधिकारी और सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ मामले में मुख्य आरोपी डी जी वंजारा को गिरफ्तार किया है. वंजारा इस मामले में न्यायिक हिरासत के तहत साबरमती सेंट्रल जेल में बंद हैं.

इसके अलावा, सीबीआई ने खुफिया ब्यूरो (आईबी) के विशेष निदेशक राजेंद्र कुमार को समन जारी कर उनसे पूछताछ की थी. राजेंद्र कुमार से उस खुफिया रिपोर्ट के बारे में पूछा गया जिसमें बताया गया था कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को जान से मारने के मकसद से चार ‘‘आतंकवादी’’ राज्य में दाखिल हुए हैं. सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई ने मुठभेड़ के वक्त गुजरात में आईबी में संयुक्त निदेशक के तौर पर तैनात रहे राजेंद्र कुमार को समन जारी किया है ताकि एक आरोपी के तौर पर उनका बयान दर्ज किया जा सके.

गौरतलब है कि 15 जून 2004 को मुंबई के मुंब्रा में रहने वाली इशरत अहमदाबाद के पास हुई एक मुठभेड़ में जावेद शेख उर्फ प्राणोश पिल्लई, म्जादाली अकबराली राणा और जीशान जोहर के साथ मार गिरायी गयी थी. उस वक्त गुजरात पुलिस ने आईबी की सूचना के आधार पर दावा किया था कि मारे गए सभी चार लोग दहशतगर्द थे जो मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या के लिए शहर में दाखिल हुए थे.

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