राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी नॉर्वे, फिनलैंड की यात्रा पर रवाना
नयी दिल्ली : स्कैंडिनेवियाई देशों के साथ भारत के रिश्तों को मजबूती देने के उद्देश्य से राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी आज नॉर्वे और फिनलैंड की यात्रा पर रवाना हो गये हैं. इस दौरे के दौरान नॉर्वे से भारत में निवेश आकर्षित करने के प्रयास किये जाएंगे. यह किसी राष्ट्रपति की पहली नॉर्वे यात्रा है. मुखर्जी के […]
नयी दिल्ली : स्कैंडिनेवियाई देशों के साथ भारत के रिश्तों को मजबूती देने के उद्देश्य से राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी आज नॉर्वे और फिनलैंड की यात्रा पर रवाना हो गये हैं. इस दौरे के दौरान नॉर्वे से भारत में निवेश आकर्षित करने के प्रयास किये जाएंगे. यह किसी राष्ट्रपति की पहली नॉर्वे यात्रा है.
मुखर्जी के साथ केंद्रीय भारी उद्योग और सार्वजनिक उपक्रम राज्यमंत्री पॉन राधाकृष्णन भी यात्रा पर रवाना हुए हैं. दोनों देशों की यात्रा के दौरान वह आर्कटिक सर्किल पार करेंगे और सांता क्लॉज के गांव भी जाएंगे जिसके बाद शुक्रवार को भारत लौटेंगे.
उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी, दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग और तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने राष्ट्रपति भवन में एक समारोह में मुखर्जी को विदाई दी. यात्रा में नॉर्वे से भारत में बुनियादी संरचना और अन्य क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने की प्रणाली पर काम किया जाएगा.
विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) नवतेज सरना के अनुसार फिलहाल नॉर्वे के 850 अरब डॉलर के पेंशन फंड में से महज चार अरब डॉलर भारत में आते हैं. लेकिन इसे 20 से 40 अरब डॉलर तक बढाने का विचार है. नॉर्वे पेंशन फंड को पहले ऑइल फंड के नाम से जाना जाता था.
इस कोष की शुरुआत 1990 में धन के दीर्घकालिक और मजबूत प्रबंधन के मकसद से की गयी थी. यह नॉर्वे की पेट्रोलियम संपदा से मौजूदा और भविष्य दोनों पीढियों को लाभ पहुंचाने में भी मददगार है. नॉर्वे दुनिया में हाइड्रोकार्बन का तीसरा सबसे बडा निर्यातक देश है और यहां तेल तथा गैस के बडे भंडार हैं. राष्ट्रपति ने रवाना होने से पहले कारोबारियों और उद्योगपतियों के साथ बैठक कर यह समझा कि भारत को नॉर्वे से किस तरह से फायदा हो सकता है.