।।नीतीश ने तीसरे मोर्चे की बात की।।
नयी दिल्ली-पटना: भाजपा ने अपने प्रमुख सहयोगी दल जदयू के साथ गठजोड़ को बचाने के पुरजोर प्रयास शुरु कर दिये हैं वहीं जदयू गठबंधन तोड़कर लोकसभा चुनावों के लिए क्षेत्रीय दलों के साथ तीसरा मोर्चा बनाने की दिशा में बढ़ता दिखाई दे रहा है.
तीसरे मोर्चे के विचार को सपा के रुप में नया समर्थक मिला और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गैर-कांग्रेसी, गैर-भाजपाई गठबंधन के गठन का स्वागत किया. वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, राजनाथ सिंह और मुरली मनोहर जोशी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जदयू अध्यक्ष शरद यादव से इस सिलसिले में बात की.
पूर्व भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी और वरिष्ठ पार्टी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने यहां राजनाथ सिंह के कहने पर शरद यादव से मुलाकात की.
उन्होंने जदयू नेताओं से आग्रह किया कि गठबंधन नहीं तोड़ें. दोनों दलों के गठजोड़ ने बिहार में 2010 में हुए विधानसभा चुनावों में जबरदस्त सफलता हासिल की थी और 2009 में पिछले लोकसभा चुनावों में भी राज्य में अच्छा प्रदर्शन किया.
भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘गठबंधन बना रहेगा. हम कोशिश कर रहे हैं कि यह बना रहे. हम अलग नहीं होना चाहते.’’ पार्टी प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने भी इसी तरह की राय व्यक्त की लेकिन कहा कि भाजपा में नरेंद्र मोदी को बड़ी जिम्मेदारी देने का अधिकार पूरी तरह भाजपा का है.
हालांकि जदयू ने इस तरह के पर्याप्त संकेत दिये कि वह नरेंद्र मोदी को भाजपा का चुनाव अभियान समिति का प्रमुख बनाये जाने के बाद रास्ते अलग करने पर अडिग है.