मोदी सरकार बनने के बाद नक्सली सरेंडर में 20 गुना वृद्धि

नयी दिल्ली:केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार बनने के बाद नक्सली वारदातों में भारी कमी के साथ-साथ नक्सलियों के आत्मसमर्पण करने की दर भी 20 गुना बढ़ गयी है. छत्तीसगढ़ के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र बस्तर में मई के बाद नक्सलियों के आत्मसमर्पण में भारी वृद्धि हुई है. गृह मंत्री राजनाथ सिंह इससे खासे उत्साहित हैं. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 14, 2014 7:31 AM

नयी दिल्ली:केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार बनने के बाद नक्सली वारदातों में भारी कमी के साथ-साथ नक्सलियों के आत्मसमर्पण करने की दर भी 20 गुना बढ़ गयी है. छत्तीसगढ़ के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र बस्तर में मई के बाद नक्सलियों के आत्मसमर्पण में भारी वृद्धि हुई है. गृह मंत्री राजनाथ सिंह इससे खासे उत्साहित हैं. उनका मानना है कि इससे नक्सली संगठन कमजोर होगा और शीर्ष नेताओं को पकड़ने की मुहिम अंजाम तक पहुंचेगी.

अब तक 395 ने किया सरेंडर

गृह मंत्रालय ने कहा है कि सितंबर से अब तक 395 नक्सली सरेंडर कर चुके हैं. गत वर्ष यह संख्या 206 थी. छत्तीसगढ़ पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक, बस्तर में मई तक 11 नक्सलियों ने समर्पण किया था, जबकि मोदी सरकार बनने के बाद 221 ने.

गृह मंत्रालय ने कहा है कि सितंबर से अब तक 395 नक्सली सरेंडर कर चुके हैं. गत वर्ष यह संख्या 206 थी. छत्तीसगढ़ पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक, बस्तर में मई तक 11 नक्सलियों ने समर्पण किया था, जबकि मोदी सरकार बनने के बाद 221 ने.

किस जिले में कितने सरेंडर

कोंडगांव – 67

सुकमा – 50

बस्तर – 73

इस वर्ष

-143 मुठभेड़

-29 नक्सली ढेर

-429 नक्सली हुए गिरफ्तार

बिहार-झारखंड जस का तस

छत्तीसगढ़ के बाद आंध्रप्रदेश में ही सरेंडर करनेवाले नक्सलियों की संख्या बढ़ी है. यहां 76 नक्सलियों ने सरेंडर किया है. गत वर्ष 44 ने सरेंडर किया था. बिहार में इस वर्ष चार और झारखंड में 17 ने सरेंडर किया, जो पिछले साल के समान हैं. गृह मंत्रालय ने कहा है कि बिहार और झारखंड सरकार नक्सलियों के आकर्षक आत्मसमर्पण और पुर्नवास नीति का सही तरीके से फायदा नहीं उठा पा रही है. यही कारण है कि इन प्रदेशों में नक्सलियों द्वारा आत्मसमर्पण करने की दर धीमी है.

आकर्षक पुनर्वास नीति

नयी नक्सल नीति के तहत शीर्ष नक्सली नेता के सरेंडर पर 2.50 लाख, मध्य और निचले स्तर के नक्सली के आत्मसमर्पण पर एकमुश्त 1.50 लाख रुपये के साथ 36 महीने तक प्रतिमाह 4,000 मासिक दिये जाते हैं. सरेंडर करने पर सबसे ज्यादा राशि महाराष्ट्र सरकार देती है. अगस्त में गृह मंत्रलय ने नक्सल प्रभावित राज्यों को आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति को आकर्षक बनाने को कहा था. जिससे भटके नक्सली को समाज की मुख्य धारा में शामिल करने में आसानी हो सके.

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