शिवसेना ने मोदी पर मारे तानें, भाजपा को बताया दुश्मन नंबर वन
मुंबई : शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में एक बार फिर भाजपा को निशाना बनाया है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव में अपनी जीत पक्की करने के लिए एक के बाद एक ताबड़तो़ड़ रैलियों से शिवसेना परेशान है. अपने मुखपत्र सामना में शिवसेना ने पीएम मोदी के पिता के नाम पर भी ताने मारे […]
मुंबई : शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में एक बार फिर भाजपा को निशाना बनाया है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव में अपनी जीत पक्की करने के लिए एक के बाद एक ताबड़तो़ड़ रैलियों से शिवसेना परेशान है. अपने मुखपत्र सामना में शिवसेना ने पीएम मोदी के पिता के नाम पर भी ताने मारे और कहा कि हमारे समर्थन के बिना मोदी के पिता भी बहुमत नहीं दिला पाते. सामना ने उद्धव ने लिखा है भाजपा को अकेलेद दम पर तो जनादेश नहीं मिला. अब मतलब निकल गया तो पहचाने भी नहींइसलिए बीजेपी का ढोंग सामने लाना हमारा कर्तव्य है.
सामना के संपादकीय में भाजपा को दुश्मन नंबर वन बताया गया है. इसमें कहा गया है कि कांग्रेस और एनसीपी तो मरे हुए सांप हैं. यदि कोई इस मैदान में उनका दुश्मन है तो वह है भाजपा.उन्होंने सत्ता के लोभ में 25 साल का गंठबंधन तोड़ दिया. सत्ता के लोभ में भाजपा बह गई है. सामना में लिखा है कि बीजेपी ने महाराष्ट्र चुनाव में शिवसेना को हराने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनका पूरा मंत्रिमंडल इस काम में लग गया है. भाजपा की ताबड़तोड़ रैलियों से घबराई शिवसेना ने कहा कि राज्यों के बीजेपी सांसदों और मंत्रियों को बीजेपी ने चुनाव मैदान में उतारा है.
खुद देश के प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और केंद्रीय मंत्रीमंडल की फौज महाराष्ट्र में उतरी है और शिवसेना को हराने का बीड़ा उठाया है. उद्धव ने बीजेपी पर महाराष्ट्र में गुजरातियों को बहकाने का आरोप लगाया है. उन्होंने यह भी लिखा है कि बीजेपी मुलायम-लालू की तरह जातिवाद की राजनीति कर रही है.यह पहली बार नहीं है जब शिवसेना ने भाजपा पर हमला किया है इससे पहले भी उद्धव ठाकरे ने गंठबंधन तोडने का जिम्मेदार भाजपा को बताते हुए सामना में लिखा था कि भाजपा महाराष्ट्र के लिए कौवे जैसी है. पितृपक्ष में कौवों को उड़ना था तो वह उड़ गए.
गौरतलब है कि भाजपा और शिवसेना का गंठबंधन सीट के बंटवारे को लेकर टूट चुका है जिसके बाद दोनों ही पार्टियां एक दूसरे पर हमला करने से नहीं कतरा रहीं हैं. 15 अक्टूबर को महाराष्ट्र में चुनाव होना है. इसलिए दोनों ही पार्टियां जनता को रिझाने में लगी हुईं हैं.